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साक्षी बोलीं- हम पर समझौते का दबाव:मुद्दा सुलझने तक एशियन गेम्स नहीं खेलेंगे

बजरंग ने कहा- सरकार बृजभूषण की गिरफ्तारी को तैयार नहीं

पानीपत – रेसलर्स और WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के विवाद में शनिवार को सोनीपत में खाप पंचायत हुई। इसमें साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया पहुंचे। दोनों ने खाप प्रतिनिधियों को गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से हुई मीटिंग के बारे में बताया।
इस दौरान साक्षी मलिक ने कहा कि हमें लगातार धमकी भरी कॉल आ रही हैं। कहा जा रहा है कि समझौता कर लो। नहीं तो पूरा करियर खत्म हो जाएगा। जबकि हम पहले दिन से ही कर रहे हैं कि बृजभूषण को कस्टडी में लिया जाए। वह बाहर रहेगा तो दूसरों पर प्रेशर रहेगा। पॉक्सो एक्ट वाली लड़की टूट चुकी है। धीरे-धीरे और भी लड़कियां टूट जाएंगीं। हम एशियन गेम्स तभी खेलेंगे जब ये सारा मुद्दा सुलझेगा।
उन्होंने कहा कि मैं यह क्लियर कर देती हूं कि हम सब एक हैं। मैं, बजरंग और विनेश हम एक हैं और एक ही रहेंगे। विनेश के ना आने का रीजन है। कुछ इन्क्वायरी चल रही हैं। कुछ और लीगल कार्रवाई हैं। वह भी संभालनी पड़ती हैं।
वहीं बजरंग ने कहा कि सरकार बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए तैयार नहीं है। केंद्र ने 15 जून तक का समय लिया है। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए फिर से धरना दिया जाएगा। 15 के बाद 16 या 17 जून को जंतर-मंतर या रामलीला के मैदान पर दोबारा धरना किया जा सकता है।
वहीं इस मामले में अब दंगल गर्ल गीता फोगाट के पर्सनल फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत ने बृजभूषण पर नए खुलासे किए हैं। जिसमें दावा किया कि लड़कियों को रात में बृजभूषण की सिक्योरिटी वाली गाड़ियों में बाहर ले जाया जाता था।

फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत की 4 अहम बातें

  1. आधी रात को लड़कियां बाहर जाती थीं
    गीता फोगाट 2014 में मुझे अपना पर्सनल फिजियोथेरेपिस्ट बनाकर साई लखनऊ कैंप में ले गईं। मैंने देखा कि आधी रात के बाद लड़कियां बाहर जाती हैं। जिसकी मैंने अपने लेवल पर जांच की। मुझे पता चला कि जिन गाड़ियों में ये लड़कियां ले जाई जा रही हैं, वह BJP सांसद और फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की सिक्योरिटी में लगी गाड़ियां होती थीं।
  2. चीफ कोच को लिखित में दिया
    मैंने चीफ कोच कुलदीप मलिक और कमल सेन को कहा कि रात में बच्चे कहीं बाहर जाते हैं, इनको देखा जाना चाहिए। ये सब लिखित में चीफ कोच कुलदीप मलिक और दूसरे सीनियर अफसरों को दिया। कई बार मीडिया से भी साझा करने की कोशिश की, लेकिन मेरी बात को दबा दिया गया।
  3. लड़कियों ने कहा- कोई चारा नहीं, फिर हमें हटा दिया
    मैंने इस बारे में रात को बाहर जाने वाली लड़कियों से बात की। लड़कियों ने कहा कि इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं है। मैंने लगातार कंप्लेंट की तो अचानक मुझे लखनऊ के साई कैंप से छुट्टी दे दी गई।
  4. कैंप में बृजभूषण की पूरी टीम पहलवानों के पीछे
    लखनऊ के साई सेंटर में युवा महिला पहलवानों को फंसाया जाता है। कैंप में अनऑफिशियल रूप से 4-5 लोग रखे गए हैं। थोड़ा चोट लगने पर भी युवा पहलवानों को घर भेजने के नाम पर डराया जाता है। उन्हें कहा जाता कि हम नेताजी से मिलवाकर आपको घर जाने से रोक लेंगे। कैंप में बृजभूषण की एक पूरी टीम काम करती है।
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