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सियासी पिच पर फ्रंटफुट पर खेल रहे राहुल, OBC व जातिगत गणना के बाद अब 50 फीसदी महिला सीएम का दांव

सियासी पिच पर फ्रंटफुट पर खेल रहे राहुल, OBC व जातिगत गणना के बाद अब 50 फीसदी महिला सीएम का दांव

नई दिल्ली – कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में धुआंधार प्रचार करने के बाद अब 2024 की सियासी पिच पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। वे भाजपा पर निशाना साधने का कोई भी अवसर हाथ से जाने नहीं दे रहे। सितंबर में जब केंद्र सरकार, महिला आरक्षण विधेयक लेकर आई, तो उस वक्त भी राहुल, फ्रंटफुट पर खेलते हुए नजर आए। उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया, लेकिन भाजपा सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़ा कर दिया। राहुल ने कहा, भाजपा चाहती है कि महिला आरक्षण दस साल में लागू हो, हम चाहते हैं आज लागू हो। इसके बाद राहुल गांधी ने ओबीसी का मुद्दा उठा दिया। साथ ही उन्होंने जातिगत गणना कराने की मांग कर दी। अब दो कदम आगे बढ़ते हुए राहुल ने महिलाओं के हितों के लिए बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा, अगले 10 वर्षों में 50 फीसदी मुख्यमंत्री महिलाएं हों, हमारा यही लक्ष्य होगा।

33 फीसदी सीटें अभी आरक्षित कर दें: राहुल

सितंबर में लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल) पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस कदम की सराहना की थी। उन्होंने इस बिल को बदलाव वाला बताया। राहुल ने लोकसभा में कहा था, हमारा महिला आरक्षण बिल को पूर्ण समर्थन है। मेरे विचार से यह विधेयक अभी अधूरा है। इसमें ओबीसी आरक्षण को भी जोड़ा जाना चाहिए। बिल का क्रियान्यवन करने के लिए नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत है। ये अभी लागू हो सकता है। इसके लिए आठ-दस साल इंतजार क्यों किया जा रहा है। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीट अभी आरक्षित कर दें। विपक्ष, जाति जनगणना का मुद्दा उठाता है तो भाजपा उससे ध्यान हटाने की कोशिश करती है। केंद्र सरकार में 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ 3 ओबीसी से हैं। राहुल ने लोकसभा में कहा, ये ओबीसी समाज का अपमान है। कितने दलित हैं और आदिवासी, इस सवाल का जवाब जाति जनगणना है।

10 वर्षों में 50 फीसदी मुख्यमंत्री महिलाएं हों

ओबीसी और जातिगत जनगणना, यह मुद्दा कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को खूब पसंद आया। राहुल गांधी ने पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान इन दोनों मुद्दों को जमकर उठाया। मतदाताओं को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस की सरकार बनते ही जातिगत गणना कराई जाएगी। ओबीसी को उसका हक मिलेगा। राहुल गांधी इन मुद्दों को लेकर 2024 की सियासी पिच पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। अब उन्होंने महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के मुद्दे पर एक कदम आगे बढ़ा दिया है। शुक्रवार को केरल में आयोजित महिला कांग्रेस के सम्मेलन ‘उत्साह’ में राहुल गांधी ने कहा, हमारा लक्ष्य अगले 10 वर्षों में 50 फीसदी मुख्यमंत्री महिलाएं हों, ये होगा।
आरएसएस में महिलाओं को सत्ता साझा करने की इजाजत नहीं दी जाती। कांग्रेस हर स्तर पर महिला सहभागिता चाहती है। उदाहरण के लिए यदि हम चाहते हैं कि एक महिला मुख्यमंत्री हो, तो हमें पंचायत स्तर और वार्ड स्तर पर महिलाओं को आगे लाना होगा। कांग्रेस के लिए एक अच्छा लक्ष्य यह होगा कि अगले दस वर्षों में हमारी 50 फीसदी मुख्यमंत्री महिलाएं हों।

पुरुषों की अपेक्षा महिला अधिक संवेदनशील व दयालु

कांग्रेस में कई महिला नेता हैं, जिनमें मुख्यमंत्री बनने के लिए योग्यताएं हैं। कांग्रेस पार्टी, महिलाओं को किसी भी तरह से पुरुषों से कमतर नहीं देखती हैं। महिलाएं कई मायनों में पुरुषों से बेहतर हैं। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक धैर्य है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के पास दीर्घकालिक दृष्टि है। महिलाएं, पुरुषों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील और दयालु होती हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई यह है कि महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए। कांग्रेस हर स्तर पर महिला सहभागिता चाहती है। स्वतंत्रता संग्राम की तस्वीरों में महात्मा गांधी को हमेशा महिलाओं के साथ खड़े देखा जा सकता है। आजादी की लड़ाई में महिलाएं सबसे आगे थीं।

आरएसएस, पूरी तरह से पुरुष संगठन है

आरएसएस पर सीधा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और कांग्रेस के बीच की लड़ाई, भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका को लेकर है। आरएसएस, पूरी तरह से पुरुष संगठन है। आरएसएस ने कभी भी महिलाओं को अपने संगठन में नहीं आने दिया। आरएसएस में महिलाओं को सत्ता साझा करने की इजाजत नहीं है। इस संगठन की सोच है कि वे तय करें कि महिलाओं को क्या पहनना चाहिए और क्या करना चाहिए। महिला आरक्षण को दस साल बाद से लागू करने का कानून पास करने का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने संसद में कभी ऐसा विधेयक पारित होते नहीं देखा, जिसे एक दशक बाद लागू किया जाएगा। महिला आरक्षण विधेयक एकमात्र विधेयक है, जिसे भाजपा 10 साल बाद लागू कर रही है। राहुल गांधी ने कहा कि आज का राजनीतिक माहौल नफरत और हिंसा से भरा हुआ है। किसी भी प्रकार की हिंसा से महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित होती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि महिला कांग्रेस नफरत और हिंसा के माहौल से लड़े। उन्होंने कांग्रेस की ‘लाखों महिला कार्यकर्ताओं को हर दिन कांग्रेस की विचारधारा की खातिर लड़ने के लिए धन्यवाद किया’।

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