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सुरजेवाला ने कहा – कांग्रेस का मानना है कि राजनीति का धर्म होना चाहिए, धर्म पर राजनीति नहीं होना चाहिए

मप्र में सरकार बनने पर पहला काम जातिगत जनगणना का होगा

भोपाल – कांग्रेस का मानना है कि राजनीति का धर्म होना चाहिए, धर्म पर राजनीति नहीं होना चाहिए। 9 साल की मोदी सरकार कांग्रेस सरकार द्वारा कराई गई जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर रही है। केंद्र को इसमें क्या डर है। मप्र में सरकार बनने पर पहला काम जातिगत जनगणना का होगा। यह बात कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दैनिक भास्कर की सीरीज ‘नेताजी न्यूज रूम में’ के तहत पाठकों के सवाल के जवाब में कही।

पूरे प्रदेश के पाठकों ने उनसे पूछने के लिए सवाल भेजे थे। इनमें से चुने हुए सवाल पूछने इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा और भोपाल संभाग के पाठक भास्कर ऑफिस पहुंचे थे। सुरजेवाला ने सभी पाठकों के सवालों के जवाब बेबाकी से दिए।

Q.राजनीतिक पार्टियां मुफ्त की रेवड़ियां बांट रही हैं। हमारे टैक्स के पैसे पर आपका एजेंडा क्यों?
‘मुफ्त की रेवड़ी’ शब्द भाजपा ने ईजाद किया है। हमने कर्नाटक में भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू की। परिवार की महिला मुखिया को दो हजार रुपए दे रहे हैं। यह महंगाई में उन्हें राहत है। यह राशि स्थानीय अर्थव्यवस्था में खर्च होगी। भाजपा जिसे रेवड़ियां कह रही है, उसे हम कल्याणकारी योजना कहते हैं। अडाणी को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन सब कुछ दे सकते हैं, वो रेवड़ी नहीं है। भाजपा इसका विरोध कर रही है तो मप्र में चुनाव से एक महीने पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू क्यों की, वह भी 15 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठाकर।

पिछड़े वर्ग पर

Q.मप्र में सरकार आती है तो पिछड़े वर्ग की क्या हिस्सेदारी होगी?
A.जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय का बड़ा आधार है। यह उन वर्गों को उनका अधिकार देने की कवायद है, जिन्हें पूरा अधिकार नहीं मिल पाया। हम सत्ता में थे तो जातिगत जनगणना करवाई। 9 साल से मोदी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर रहे, क्योंकि सबको पता चल जाएगा कि किस प्रदेश में किस जाति के कितने लोग हैं।

कर्ज माफी पर

Q.मप्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो किसानों का 2 लाख रुपए तक कर्ज माफ किया जाएगा?
सबसे पहले 2600 रुपए क्विंटल का गेहूं का एमएसपी देंगे। उसे 3 हजार रुपए तक ले जाएंगे। 2500 रुपए क्विंटल धान का एमएसपी देंगे। हमने वादा किया है कि 2 लाख रुपए तक के कर्ज की माफी होगी, इसे हम पांच साल में पूरा करके दिखाएंगे। किसान, गरीबों से दो रुपए किलो में गोबर खरीदेंगे।

महिला योजना पर

Q.कर्नाटक में 2 हजार, मप्र में सिर्फ 1500 रुपए, ये भेदभाव नहीं है? पैसा कहां से लाएंगे?
मप्र में हमने हर महीने महिलाओं को 1,500 रुपए देने का वादा किया है। नारी सम्मान योजना और अन्य योजनाओं में जो खर्च होगा, उसका पूरा लेखा-जोखा हमने तैयार कर लिया है। मप्र में इकोनॉमिक एक्टिविटी का विस्तार करने की अपार संभावनाएं हैं। मप्र में 50% कमीशन राज चल रहा है उसे खत्म करेंगे तो 1 लाख करोड़ रुपए आएंगे। आय बढ़ेगी तो 3 हजार रुपए भी देंगे। कर्नाटक की इकोनॉमी 3.25 लाख करोड़ रुपए की है, वहां हमारे आर्थिक संसाधन हैं। ये इस तरह के हैं, जिससे हम 2 हजार रुपए दे रहे हैं।

Q.मप्र में भर्तियों में घोटाले हो रहे हैं। आपकी सरकार बनी तो इसे रोकने के लिए क्या प्लान है..?
मप्र का नौजवान व्यापमं घोटाले का शिकार हुआ। 23 परीक्षाओं के पेपर खुलेआम बिके। 15-15 लाख रुपए लिए गए पटवारी बनने के। एक मंत्री के बेटे के कॉलेज और विधायक के कॉलेज के लोग डॉक्टर बन गए। हमारे पास तीन हल हैं। एक… प्रवेश परीक्षा में फीस नहीं ली जाएगी। दो… जवाबदेही तय करने के लिए कानून लाएंगे। राजस्थान में हाल में ऐसा कानून बना है, जिसकी तारीफ हो रही है। उसमें पेपर लीक पर 10 साल तक की सजा होगी। तीसरा, सिलेक्शन प्रॉसिजर सिंपल करेंगे और ऐसे हाथों में देना होगा, जिन पर विश्वास हो। वो फौज का सबसे बड़ा रिटायर्ड अधिकारी हो सकता है। सरकार का दखल नहीं होगा।

आरक्षण पर

Q.आरक्षण व्यवस्था को लेकर आपकी क्या राय है?
आरक्षण व्यवस्था का लक्ष्य है, आदिवासी, दलित, पिछड़े और गरीब वर्ग से आने वालों को उनका अधिकार मिल सके। शिवराज तो उनके बेटे को पढ़ने इंग्लैंड भेज सकते हैं, गरीब आदिवासी बच्चे को भी यह हक मिलना चाहिए। मप्र में 55% लोग पिछड़े वर्गों से, 21% आदिवासी और 16% दलित समाज से हैं। जब तक हम ये समानता नहीं ला पाएंगे, तब तक आरक्षण एक तरीका है।

संविदाकर्मियों पर

Q.कांग्रेस सरकार कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने वालों के लिए क्या करेगी?
ये एक समस्या बन गई है शिवराज सरकार में कि ज्यादातर कच्चे कर्मचारी रखो। एससी-एसटी और ओबीसी की रिजर्वेशन पॉलिसी लागू मत करो। मेरा मानना है कि संविदा या टेम्परेरी कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन और सुविधाएं मिलना चाहिए। एड्स कंट्रोल बोर्ड से जुड़े कर्मचारी लोगों की सेवा कर रहे हैं। हमारे शासकों को इन पहलू पर मानवीय पहल रखना चाहिए।

राजनीति में धर्म पर

Q.कांग्रेस भी सनातनी हो गई है, बेरोजगारी-महंगाई भी मुद्दे हैं?
राहुल गांधी ने 3500 किमी यात्रा की और नेशनल एजेंडा सेट किया। वो एजेंडा था, बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता से लड़ाई, जिससे नौजवान सबसे ज्यादा पीड़ित है। राजनीति का धर्म होना चाहिए। धर्म पर या धर्म की राजनीति नहीं होना चाहिए। भाजपा वाले श्रीराम के पीछे छुपकर विभाजन की बात करते हैं। हमारा मानना है कि आप रोजगार दें तो सबसे बड़ी राम की उपासना होगी।

Q.जिस तरह असंतुष्ट सामने आए उससे तो सर्वे के आधार पर टिकट देने की बात नहीं दिखी?
A.लगभग 4,700 लोगों ने टिकट मांगा था, जबकि 230 सीटें हैं। सबसे बेहतरीन को टिकट दिया। मेरी उन सभी साथियों को राय है, अर्जुन की तरह एक निशाना होना चाहिए। वो मप्र को विकास के रास्ते पर लाने के लिए आगे आएं। लोग शिवराज सरकार से थक चुके हैं। मैंने, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने असंतुष्टों से बात की और 90% लोग साथ आ गए हैं। मैने 800-1000 लोगों से बात की। बाकी भी मान जाएंगे।

इंडिया गठबंधन पर

Q.इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, सपा और आम आदमी पार्टी हैं, मप्र में तीनों अलग लड़ रहे हैं।

A.सभी पार्टियों को लोकतंत्र में अपनी किस्मत आजमाने का हक है। हमारी उनसे वैचारिक सामनता है। घर में दो सगे भाइयों का व्यवसाय अलग होता है, उनके खेत भी अलग-अलग हो जाते हैं, पर जब भी देश की बात आएगी… तब सपा हो या जनता दल हो, हम सब एक हैं। प्रदेश में हम समन्वय नहीं बना पाए, इसमें हमारी ही कमी रही होगी, क्योंकि हम बड़े हैं। लेकिन देश के लिए हमारी वैचारिक समानता है।

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