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150 करोड़ रुपए की लागत से बने मप्र के नए भवन में सीपेज

क्वालिटी से जुड़ीं कई कमियां मिलीं, अब जांच होगी

नई दिल्ली – नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में 150 करोड़ रुपए की लागत से बने मप्र के नए भवन का टायलेट में सीपेज है। एसी के डक्ट में भी प्रॉब्लम है। पानी के पाइप लोहे के होने चाहिए थे, लेकिन जगह-जगह पीवीसी और प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल किया गया। मापदंडों का भी निर्माण एजेंसी ने सही तरीके से पालन नहीं किया।
इसके अलावा क्वालिटी (गुणवत्ता) से संबंधित कुछ कमियां भी हैं, जिनकी अब जांच होगी। इन गड़बड़ियों की जानकारी हाल ही में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार के साथ हुई बैठक में सामने आई। इसी के बाद एमपी भवन नई दिल्ली के आवासीय आयुक्त पंकज राग ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह को पत्र लिखा।
बैठक के मिनिट्स का उल्लेख भी किया। इन मिनिट्स में तमाम गड़बड़ियों का जिक्र है। पीडब्ल्यूडी ने आवासीय आयुक्त की चिट्ठी के बाद पीडब्ल्यूडी के ही चार इंजीनियरों का जांच दल गठित कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन इस नए भवन का छह महीने पहले ही मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया है। यहां बता दें कि आवासीय आयुक्त ने 30 जून और फिर एक अगस्त को पत्र लिखा।
इसके दो माह बाद अब जांच दल बना है। इसमें गुणवत्ता नियंत्रण सेल के अध्यक्ष व पीडब्ल्यूडी सचिव आरके मेहरा (ईएनसी रहे), पीडब्ल्यूडी पीआईयू के चीफ इंजीनियर एसएल सूर्यवंशी, एसई (विद्युत यांत्रिकी) राजेश दुबे व असिस्टेंट इंजीनियर ब्रजेश मांझे को रखा गया है। यह जांच दल अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।

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