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70 डायल-100 बंद, 15 की बजाय 30 मिनट में पहुंच रही मदद, 4 हजार कर्मियों की सैलेरी भी अटकी

कंपनी को ना तो चार महीने से एक्सटेंशन दिया और ना ही कोई नई कंपनी तलाश की

भोपाल – एक नवंबर 2015 से मप्र में शुरू हुई डायल 100 सेवा अब उधारी में चल रही है। इस इमरजेंसी सेवा को संचालित करने वाली कंपनी को पुलिस रेडियो मुख्यालय ने चार महीने से एक्सटेंशन नहीं दिया है और कोई नई कंपनी भी तय नहीं की है। वक्त पर मेंटेनेंस नहीं मिलने के कारण 70 गाड़ियां ऑफ रोड हो गई हैं।
इससे लोगों तक पहुंचने का रिस्पॉन्स टाइम भी शहरी क्षेत्र में 15 मिनट से बढ़कर 20-30 मिनट तक पहुंच गया है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि रोजाना करीब 6000 लोगों तक पहुंचने वाली डायल-100 के 4000 कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं मिली है। ये हालात इसलिए बने हैं, क्योंकि पुलिस रेडियो मुख्यालय 8 महीने बाद भी ये तय नहीं कर पाया है कि नया टेंडर किस कंपनी को दिया जाए।

दो कंपनियों में होड़…

पुलिस रेडियो मुख्यालय ने 27 जनवरी 2023 को टेंडर जारी किया था। चार कंपनियों ने हिस्सा लिया, बीवीजी और जीवीके ने क्वालिफाई किया। अभी यह सेवा बीवीजी ही संचालित कर रही है। 25 फरवरी को पुलिस रेडियो मुख्यालय में बीवीजी की शिकायत हुई।

छग में ब्लैक लिस्ट है कंपनी…

शिकायत में कहा गया कि बीवीजी को छत्तीसगढ़ में डी-बार किया गया है। 2 मार्च को मुख्यालय ने जीवीके को टेक्नीकल क्वालिफाई मान लिया। इसके खिलाफ 14 मार्च को बीवीजी हाईकोर्ट चली गई और 19 अप्रैल को उन्हें टेंडर प्रक्रिया रोकने का स्टे मिल गया।

तीन महीने से तनख्वाह नहीं…

31 मार्च 2023 के बाद बीवीजी को एक्सटेंशन नहीं मिला। टेंडर शर्तों के मुताबिक कंपनी काम बंद नहीं कर सकती। सरकार से फंड न मिलने से 7 करोड़ रु. महीना बीवीजी ही खर्च कर रही है। 4 हजार कर्मचारियों को 3 माह से तनख्वाह नहीं मिली है।

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