बीजेपी के वाररूम शुभारंभ कार्यक्रम में खाली कुर्सियों का वीडियो देख, कांग्रेस ने कहा – गद्दारों का साथ,आ रहे हैं कमलनाथ का नारा Politics by mpeditor - September 26, 2020September 26, 20200 मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव कांग्रेस से बीजेपी में गए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। सिंधिया का गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर में उन्हें ज़बर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जहां कुछ दिन पहले ग्वालियर में पहली बार सिंधिया गद्दार है के नारे लगे थे वहीं अब सिंधिया के कार्यक्रम में समर्थक पहुंचे ही नहीं। कार्यक्रम में खाली कुर्सियों का वीडियो देख कांग्रेस ने छोड़ो गद्दारों का साथ,आ रहे हैं कमलनाथ का नारा बुलंद किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर स्थित ‘होटल रमाया’ में बीजेपी के वाररूम का शुभारंभ करने आए थे। इस दौरान कार्यक्रम में सभी कुर्सियां खाली रह गई। सिंधिया का गढ़ माना जाने वाले ग्वालियर में सिंधिया के कार्यक्रम में भी कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं जुटना उनके विरोध का स्तर बताता है। इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सभा स्थल पर जितनी जनता की संख्या नहीं है उससे ज्यादा नेता मंच पर बैठे हुए हैं। वहीं उतनी ही संख्या में मीडियाकर्मी भी मौजूद हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज-सिंधिया की अनैतिक, अलोकप्रिय जोड़ी को पार्टी नेताओं,कार्यकर्ताओं ने ही दुत्कारा! अभी ये दोनों पनौतियां ग्वालियर स्थित अवैध होटल रामाया में वाररूम का शुभारंभ करने आईं,खाली कुर्सियां दे रही इनके प्रति सम्मान का संदेश,छोड़ो गद्दारों का साथ,आ रहे हैं कमलनाथ।” शवराज-श्रीअंत की अनैतिक, अलोकप्रिय जोड़ी को पार्टी नेताओं,कार्यकर्ताओं ने ही दुत्कारा!अभी ये दोनों पनौतियाँ ग्वालियर स्थित अवैध "होटल रामाया" में "वाररूम" का शुभारंभ करने आईं,खाली कुर्सियां दे रही इनके प्रति सम्मान का संदेश,"छोड़ो गद्दारों का साथ,आ रहे हैं कमलनाथ" @OfficeOfKNath pic.twitter.com/6j0WzCz0MU— KK Mishra (@KKMishraINC) September 24, 2020 बता दें कि ग्वालियर क्षेत्र से लगातार सिंधिया के विरोध की खबरें आ रही है। गुरुवार को ही सीएम शिवराज के सामने आरएसएस कार्यकर्ताओं ने सिंधिया का जमकर विरोध किया था और कार्यक्रम में बवाल मचाया था। सिंधिया के गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में उनका इस कदर व्यापक विरोध से साफ है कि आज के लोग राजे-रजवाड़ों के पीछे नहीं भागते बल्कि उनके लिए काम मायने रखता है। बहरहाल अब देखना दिलचस्प होगा कि उपचुनाव में जनता अपने मतों से क्या संदेश देती है।