हमीदिया में मरीजों के परिजन स्ट्रेचर खींचने को मजबूर Uncategorized by mpeditor - April 21, 2024April 21, 20240 हेल्प डेस्क शुरू हुए डेढ़ महीने भी नहीं गुजरे, इसकी व्यवस्था लड़खड़ाई भोपाल – शहर के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में हेल्पडेस्क शुरू हुए अभी डेढ़ महीने भी नहीं गुजरे लेकिन इसकी व्यवस्था लड़खड़ा गई है। मरीजों को राहत देने की खातिर कायम की गई व्यवस्था अब कोमा में है। नतीजे में पुरानी स्थितियां फिर दिखाई देने लगी है।यहां मरीजों के परिजनों को स्ट्रेचर खींचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कई बार स्ट्रेचर और व्हील चेयर नहीं मिलना भी बड़ी समस्या है। जांच एवं अन्य प्रयोजन को लेकर परिजन और उनके मरीज को इधर-उधर भटकना भी पड़ता है। लेकिन, उनकी मदद के लिए कोई वार्ड बॉय आगे नहीं आता। न ही संबंधित वार्ड से समुचित परामर्श दिया जाता है।हमीदिया में हेल्प डेस्क चालू होने के बाद से यहां दो शिफ्ट में एक-एक एमएसडब्ल्यू यानी मेडिकल सोशल वर्कर की ड्यूटी लगाने का दावा किया गया था। इसके अलावा रोजाना हरेक वार्ड में 3-4 वार्ड बॉय ऑन ड्यूटी रहने की जानकारी दी गई। अब स्थिति ये है कि मेडिकल सोशल वर्कर या वार्ड बॉय मरीज का स्ट्रेचर या व्हील चेयर खींचता दिखाई नहीं देता है। यह जिम्मेदारी परिजन को उठानी पड़ रही है। इस मामले से हमीदिया अस्पताल प्रशासन भी अवगत है लेकिन उसने अपनी ही व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।1 गुना के रहने वाले निक्की नागर का शुक्रवार को गुना में एक्सीडेंट होने पर उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। उनको गुना से हमीदिया में रेफर किया गया था। शनिवार को उन्हें सीटी स्कैन करवाने के लिए भेजा गया। लेकिन साथ में कोई वार्ड बॉय नजर नहीं आया। परिजन खुद ही स्ट्रेचर खींच रहे थे।2 राजगढ़ जिले के कंसरोद गांव के रहने वाले राम चरण के हाथ में फ्रैक्चर हो गया था। हाथ का ऑपरेशन कराने हमीदिया आए थे। यहां वे पिछले 18 दिनों से भर्ती हैं। रोजाना उनको जांच करवाने रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट आना पड़ता है। लेकिन उनके साथ कभी कोई वार्ड बॉय उपस्थित नहीं रहता है।3 होशंगाबाद निवासी रतन लाल पिछले 2 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि जांच के लिए जाते वक्त उनके साथ एक वार्ड बॉय था, लेकिन बिल्डिंग से बाहर निकलते ही वह उनको छोड़कर चला गया। जिसके बाद जांच के लिए जाने और वापस आने के दौरान परिजनों ने ही व्हील चेयर खींची।