पूर्व मंत्री बिसेन के खिलाफ MPMLA कोर्ट में चलेगा केस Uncategorized by mpeditor - March 20, 2024March 20, 20240 हाईकोर्ट ने खारिज की मानहानि मामले में सुनवाई पर रोक लगाने की याचिका जबलपुर – पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता गौरीशंकर बिसेन को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने बिसेन के खिलाफ चल रहे मानहानि प्रकरण की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा, ‘किसी जनप्रतिनिधि द्वारा सार्वजनिक स्थल पर किसी दूसरे का जातिसूचक अपमान करने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’बिसेन ने निचली अदालत में चल रही प्रकरण की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश संजय द्विवेदी ने याचिका खारिज करते हुए रोक लगाने से इनकार कर दिया।मामला 25 अगस्त 2011 का है। तत्कालीन सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन पन्ना प्रवास पर थे। यहां एक सभा को संबोधित करते हुए जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष और भाजपा नेता संजय नगायच को अपशब्द कहे थे। बिसेन ने नगायच को भरी सभा में ‘पंडित तू चोर, बैंक अध्यक्ष चोर’ कहा था। विरोध करने पर बिसेन के दबाव में सहकारिता विभाग ने नगायच और उनके नेतृत्व वाले बोर्ड को भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर बर्खास्त कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपमान करने को गंभीर प्रकरण माना सहकारिता विभाग के इस फैसले के खिलाफ नगायच ने हाईकोर्ट में अपील की। जहां चली सुनवाई के बाद संजय नगायच के नेतृत्व वाले बोर्ड को बहाल करने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद मई 2014 में नगायच ने बिसेन के खिलाफ पन्ना जिला कोर्ट में मानहानि का केस लगा दिया।बिसेन ने हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच से स्टे ऑर्डर लेकर केस समाप्त करने के लिए धारा 482 के तहत याचिका दायर कर दी। मंगलवार को हाईकोर्ट ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए बिसेन की याचिका रद्द कर दी है। अब यह प्रकरण MP-MLA फास्ट ट्रैक कोर्ट, ग्वालियर में चलेगा। हाईकोर्ट ने संजय नगायच को दी थी राहत तत्कालीन सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने पन्ना जिला सहकारिता अध्यक्ष संजय नगायच और उनके बोर्ड पर भ्रष्टाचार के 19 आरोप लगाते हुए बोर्ड को भंग कर दिया था। इस मामले को लेकर संजय नगायच ने 2011 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद 2012 में कोर्ट ने सहकारिता मंत्री के तमाम आरोपों को निराधार पाते हुए बोर्ड को बहाल कर दिया।हाईकोर्ट के आदेश को तत्कालीन सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। फरवरी 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखते हुए संजय नगायच को भ्रष्टाचार मामले पर राहत देते हुए राज्य सरकार पर एक लाख का जुर्माना लगाया। इसके अलावा संयुक्त पंजीकृत सागर प्रदीप निखरा पर भी सुप्रीम कोर्ट ने 10000 की कास्ट लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन को फटकार भी लगाई थी।