शिवराज गायों की दुर्दशा पर ध्यान दें और स्थायी समाधान शीघ्र निकालें: अजयसिंह MP by mpeditor - September 30, 2022September 30, 20220 आवारा पशुओं की समस्या विकराल हो चुकी है, किसान खेती का रकबा घटा रहे हैं भोपाल. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि 17-18 सालों में आवारा पशुओं की समस्या ने अब विकराल रूप ले लिया हैद्य आवारा पशुओं के डर से किसान अपनी खेती छोड़ रहे हैं। वहीँ राजमार्गों और अन्य सड़कों पर आवारा पशुओं के झुण्ड के कारण जानलेवा दुर्घटनायें हो रही हैंद्य लेकिन पशुधन की रक्षा का ढिंढोरा पीटने वाली केंद्र और राज्य सरकार अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पायी है। यदि यही हाल रहे तो भविष्य में एक बड़ी समस्या पैदा हो जायेगी। अजयसिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि हर ग्राम पंचायत में एक गोशाला खोली जाए। ग्राम पंचायतें जन सहयोग से इसका संचालन करें। गाय के गोबर के व्यावसायिक इस्तेमाल की योजना बनाई जायेद्य पशुधन से उत्पादित गोबर को सरकार पशुपालकों से खरीदे, जैसा कि छत्तीसगढ़ में हो रहा है। गोबर पर आधारित गैस प्लांट बनाने की महत्वाकांक्षी योजना विशेषज्ञों की राय से संचालित की जा सकती है। विद्युत् ऊर्जा भी पैदा की जा सकती है। किसान इसमें पूरा सहयोग करेंगे क्योंकि उनकी फसल नष्ट होने से बचेगीद्य पूर्व कांग्रेस सरकार ने प्रायोगिक तौर पर एक हजार गो शालाएं खोलने की योजना बनायीं थी लेकिन शिवराज सरकार ने इस पर अमल नहीं कियाद्य भाजपा ने गाय और राम मन्दिर के नाम पर राजनीति तो की लेकिन गाय की चिंता नहीं की। अजयसिंह ने कहा कि अभी हाल की घटना है, भिंड जिले के अकोड़ा में किसान आवारा पशुओं से इस कदर परेशान हो गये थे कि उन्होंने आठ सौ गायों को नगर परिषद् के आफिस में घुसाकर बाहर नारेबाजी कर अपना विरोध प्रदर्शन कियाद्य बीसवीं पशुधन जनगणना में देश में 50 लाख से अधिक आवारा मवेशी हैंद्य मशीनीकरण के बढ़ने से यह समस्या और बढ़ गई है। वर्ष 2015 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि आवारा पशुओं को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले, लेकिन उस पर कोई गंभीर कार्यवाही नहीं हुई। मेरे विधानसभा क्षेत्र चुरहट के किसान कहते हैं कि छुट्टा मवेशियों के कारण हमने अपनी खेती का रकबा ही कम कर दिया है। क्या करें, कब तक ताकें? रखवाली करने वालों को भी पैसा देना पड़ता है। कटीली बागड़ भी लगानी पडती है तब जाकर कुछ खेती बच पाती है। यह बहुत खर्चीला है और सभी के लिए संभव नहीं है। यही हाल पूरे मध्यप्रदेश का है। सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से अपेक्षा की है कि वे व्यक्तिगत रूचि लेकर समस्या का स्थायी समाधान निकालेंद्य गायों की दुर्दशा पर ध्यान दें। किसानों को आवारा पशुओं से हो रही समस्या को तत्काल दूर करने का रास्ता खोजें।