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आदिवासियों द्वारा सहेजे गए खुर्सानी इमली के पेड़ भाजपा शासन और उसके भ्रष्ट अधिकारियों की लोभ, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े – कांग्रेस

आदिवासियों की मूल पहचान का दमन कर रही है भाजपा सरकार – कांग्रेस

इंदौर – खुद को आदिवासियों का हितैषी बनने वाली भाजपा की सरकार किस प्रकार से उनकी मूल पहचान का दमन कर रही है इसका साक्षात प्रमाण यह है की ज़िला प्रशासन की अनुशंसा पर वन विभाग के अधिकारियो द्वारा 11 खुरासानी इमली के पेड़ को (बेहद दुर्लभ प्रजाति) हैदराबाद स्थित ग्रीन किंगडम नामक प्राइवेट कंपनी के बोटैनिकल गार्डन में ट्रांसलोकैट कर दिया जाता है।

जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उक्त अनुमति यह जानते हुए दी जाती है कि उन्हें इस प्रकार की अनुमति देने का कोई वैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं है, बायोलॉजिकल डायवर्सिटी अधिनियम 2002 के तहत किसी भी बायोलॉजिकल रिसोर्ट को व्यवसायिक उद्देश्य के लिए उपयोग में लेने से पहले मध्यप्रदेश बायोडायवर्सिटी बोर्ड की अनुमति लेनी पड़ती है तथा उक्त बोर्ड के अलावा यह अनुमति कोई भी प्रशासनिक अधिकारी विधि अनुसार प्रदान नहीं कर सकता, परंतु धार जिला प्रशासन के तथा इंदौर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा सरकारी ओहदे और रसूख़ का गलत इस्तेमाल कर अपने स्तर पर अवैधानिक स्वीकृति प्रदान कर दी जाति है।

गौरतलब है कि यह अनुमति तहसीलदार धर्मपुरी एवं तहसीलदार नालछा तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त इंदौर तथा वन मंडल अधिकारी धार द्वारा मनमाने ढंग से अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर के विषयों को अपने संज्ञान में लेकर प्रदान की जाती है।

खुर्सानी इमली जो एक दुर्लभ प्रजाति का पेड़ है और जिसे धार जिले के आदिवासी भाई-बहनों ने वर्षों से सहेज कर रखा था वह अब भाजपा शासन और उसके भ्रष्ट अधिकारियों की लोभ, लालसा और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। प्रशासन के सबसे निम्न स्तर से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों ने सारे नियम और कानूनों को लोभ कुंड में हवन कर आदिवासी भाइयों के भविष्य, मध्यप्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण संरक्षण की आहुति दे डाली है।

सत्ता के मद में भाजपा सरकार को न तो बायोलॉजिकल डायवर्सिटी अधिनियम 2002 के प्रावधान तथा उक्त अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियम दिखाई नहीं दे रहे हैं ,और ना इस अवैध क्षरण से होने वाले दूरगामी दुष्परिणाम।

खुरसानी इमली मात्र एक पेड़ नहीं है और ना इसे हमारे आदिवासी भाइयों ने कभी एक पेड़ मात्र समझा है। हमेशा अपना सर्वस्व देकर न सिर्फ इसे बल्कि हर छोटे पौधे से लेकर बड़े-बड़े विशाल वृक्षों को भी अपने परिवार का सदस्य समझकर उनका संरक्षण किया है तथा भविष्य में भी करेगा।

उपरोक्त मामले में आदिवासी नेता रेवतीरमण सिंह राजूखेड़ी द्वारा युवा कांग्रेस विधि विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक अभिभाषक जयेश गुरनानी के माध्यम से मध्यप्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियो तथा उक्त अवैधानिक कृत्य करने वाले धार जिले एवं वन विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को लीगल नोटिस प्रदान किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से यह मांग है की हैदराबाद के बोटैनिकल गार्डन में भेजे गए खुर्सानी इमली के पेड़ों को धार जिले में पुनः स्थापित किया जाए एवं ग्रीन किंगडम नामक कंपनी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जावे।

भाजपा के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए गए उक्त कृत्य से सीधे तौर पर मध्य प्रदेश के मूलनिवासी आदिवासी भाइयों की आजीविका पर बड़ी चोट पड़ी है क्योंकि भारतीय आदिवासी भाइयों की आजीविका उक्त खुरसानी इमली के पेड़ों पर निर्भर हुआ करती थी परंतु अब शासन द्वारा पेड़ों को ही आदिवासियों से छीन कर हैदराबाद के एक व्यापारी को सुपुर्द कर दिए गए है जिसके कारण आदिवासी भाइयों में बेहद आक्रोश है।

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