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एंबुलेंस नहीं पहुंची तो पड़ोसी की बाइक मांगकर बेटा बीमार पिता को अस्पताल लेकर चला लेकिन पिता ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया

मृतक के परिजनों ने कहा कि 2 घंटे में तीन बार कॉल करने पर भी 108 एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुई

भितरवार – बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाली प्रदेश सरकार के दावे तब बौने दिखे जब एक बीमार व्यक्ति को लेने 108 एंबुलेंस नहीं आ सकी। मजबूरन उसके बेटे को बाइक पर अपने पिता को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा। रास्ते में पिता ने दम तोड़ दिया।
विकासखंड के ग्राम मोहनगढ़ की आदिवासी दफाई पर रहने वाले रामसिंह आदिवासी पुत्र कंधू आदिवासी (43) की तबीयत बिगड़ गई। तबीयत बिगडऩे पर रामसिंह के बेटे सुनील ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया लेकिन काफी समय तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। सुनील ने बताया कि उसके पास खुद का साधन नहीं होने पर पड़ोसी की बाइक लेकर आया और दोपहर 2 बजे पिता को बाइक में बैठाकर भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इलाज के लिए लेकर जा रहा था। तभी उनकी बीच रास्ते मौत हो गई, शव को बाइक में लेकर अस्पताल पहुंचा। जहां डॉक्टर ने पिता को मृत घोषित कर दिया है।
इसके बाद आक्रोशित परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगे। बेटे सुनील आदिवासी ने रोते बिलखते हुए बताया कि समय पर एंबुलेंस आ जाती तो उनके पिता की जान बच जाती। कॉल सेंटर से बताया गया कि एम्बुलेंस मौजूद नहीं थी। हंगामे के बीच पुलिस पहुंची व थाना प्रभारी रमाकांत उपाध्याय ने समझाया तब वे मान गए। बीएमओ ने शव का पीएम कराकर एंबुलेंस से गांव भिजवाया।
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि 2 घंटे में तीन बार कॉल करने पर भी 108 एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुई।

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