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कांग्रेस द्वारा बालाघाट कलेक्टर के विरूद्व की गई शिकायत के बावजूद कलेक्टर को ही जांच की जिम्मेदारी निर्वाचन प्रक्रिया पर सवालिया निशान

निर्वाचन आयोग बालाघाट कलेक्टर के स्थान पर अन्य को मतगणना की जिम्मेदारी सौंपे

भोपाल – मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जे.पी. धनोपिया ने मप्र निर्वाचन आयोग को एक फिर एक शिकायत सौंपते हुये कहा कि बीते 27 नवम्बर को गुरूनानक जयंती का अवकाश होने के बावजूद जिला निर्वाचन अधिकारी, कलेक्टर बालाघाट डॉ. गिरीश मिश्रा के निर्देश पर कर्मचारियों द्वारा बालाघाट में पोस्टल वोट से संबंधित स्ट्रांग रूम को खोलकर पोस्टल वोट्स के साथ छेड़छाड़ करने के अनुचित कार्य को जागरूक कार्यकर्ताओं द्वारा वीडियो बनाकर वायरल किया गया, जिसके आधार पर मामले की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने निर्वाचन पदाधिकारी को उक्त घटना पर संज्ञान लेते बालाघाट कलेक्टर और उक्त कार्य में शामिल कर्मचारियों पर तत्काल कार्यवाही किये जाने की शिकायत की गई।
श्री धनोपिया ने कहा कि आगामी 3 दिसम्बर को मतगणना होना नियत है, लेकिन कलेक्टर बालाघाट द्वारा 27 नवम्बर को ही बालाघाट जिले की समस्त विधानसभाओं के पोस्टल वोट जो कि स्ट्रांग रूम में रखे हुये थे के साथ छेड़छाड़ की गई। कलेक्टर के निर्देश पर किया गया उक्त कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। उक्त कार्य की शिकायत प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा निर्वाचन पदाधिकारी राजन अनुपम के समक्ष व्यक्तिगत रूप से की गई, लेकिन लेकिन शिकायत उपरांत उनके द्वारा उपरोक्त गंभीर मामले पर बहुत ही हल्केपन से कार्यवाही की गई और मात्र नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया तथा कलेक्टर जो कि सभी गतिविधियों के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार होने के बावजूद उन्हें बचाने का कार्य किया जा रहा है। यहां तक कि कलेक्टर के विरूद्ध की गई शिकायत के बावजूद उन्हीं कलेक्टर महोदय को जांच देकर सिद्ध कर दिया कि पोस्टल वोट्स के साथ हुई छेडछाड को गंभीरता से नही लिया गया है
कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि:-

  1. यह कि जिला स्तर पर ट्रेजरी कार्यालय में पोस्टल वोट संग्रह करने के लिए जो स्ट्रांग रूम बनाया गया है वहां पर सीसीटीवी कैमरे आवश्यक रूप से लगाए गए है उनकी पूरी रिकार्डिग उपलब्ध कराई जाए ।
  2. यह कि जैसा कि नियम है कि मतगणना से संबंधित पोस्टल वोटस या इवीएम मशीन सभी की वीडियों ग्राफी का कार्य होना आवश्यक है तब जिस समय ट्रेजरी कार्यालय का पोस्टल वोटस से संबंधित स्ट्रांग रूम खोला गया एवं कलेक्टर के निर्देश पर जिन शासकीय कर्मचारियों द्वारा पोस्टल वोट्स के खोलने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है क्या उस समय कलेक्टर महोदय द्वारा कोई वीडियों ग्राफी करवाई गई तब उक्त समय की वीडियों ग्राफी उपलब्ध कराई जाए जिससे स्पष्ट कि स्ट्रांग रूम खोलने अथवा बंद करने तथा उक्त अवधि के कार्य समय का अवलोकन कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके।
  3. यह कि जैसा नियम है कि मतगणना दिवस के एक दिन पूर्व 3.00 बजे सभी प्रत्याशियों को विधिवत रूप से सूचित करते हुए उनके स्वयं की उपस्थिति या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पोस्टल वोटस से संबंधित स्ट्रांग रूम को खोला जाएगा एवं उनकी उपस्थिति में पुलिस अभिरक्षा में पोस्टल वोट्स को मतगणना स्थल स्थित स्ट्रांग रूम में मतगणना प्रारंभ होने के पूर्व रखा जाएगा तब चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों नियमों को ताक पर रखते हुए कलेक्टर बालाघाट द्वारा अवकाश के दिन किस तरह अनुचित कार्यवाही की गई का लिखित प्रतिवेदन जो कि आपके द्वारा जांच के उपरांत प्राप्त हुआ है उसकी प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराई जावे क्योंकि जानकारी अनुसार कलेक्टर बालाघाट मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी गौरीशंकर बिसेन के नजदीकी संबंध है इसएिये उन्होंने पोस्टल वोट के काम में संबंधित करीबी कर्मचारी को कार्य में लगाया है।
    धनोपिया ने पत्र में कहा कि 27 नवम्बर को बालाघाट में पोस्टल वोट के संबंध में उपरोक्त समस्त जानकारी आगामी कार्यवाही हेतु प्रदेश कांग्रेस को शीघ्र उपलब्ध कराई जाए तथा बालाघाट में हुए पोस्टल वोट्स के संबंध में अनुचित एवं अवैध कार्यवाही कराने के लिए सक्षम अधिकारी कलेक्टर बालाघाट को तत्काल निलंबित किया जावे एवं विस्तृत जांचकर अन्य संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जावे क्योंकि स्थानीय स्तर पर समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित हुआ है कि पोस्टल वोटस से संबंधित स्ट्रांग रूम खोलने के संबंध में गौरीशंकर बिसेन के करीबी जो सरकारी कर्मचारी है जो उस समय मौजूद है उनका चित्र समाचार पत्र में प्रकाशित है आदि के संबध्ंा में कड़ी कार्यवाही की जावे जो कि न्यायोचित एवं न्यायहित में होगा । उक्त पत्र की प्रतिलिपि मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली को भी कार्यवाही हेतु भेजी गई है।
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