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कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत 4 लोगों को शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में एक साल की सजा सुनाई गई

हम अदालत के फैसले से असहमत ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे – कमलनाथ

भोपाल- कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत 4 लोगों को शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने साल 2009 के मामले में ये फैसला सुनाया है। इन पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
इस मामले में कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे असहमत हैं। हम ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे।
कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता जनता की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटेंगे, चाहे उनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही की जाए। समाज को हक दिलाने के लिए आंदोलन करना नेता का पहला कर्तव्य है, यह संविधान की मूल भावना के अनुरूप है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से कांग्रेस के हर कार्यकर्ताओं ने यही सीखा है। पूरी कांग्रेस पार्टी जीतू पटवारी के साथ है। हम सब मिलकर लोकतांत्रिक संवैधानिक और अदालती तरीके से अन्यायी सरकार का मुकाबला करेंगे।’
पटवारी समेत 17 लोगों के खिलाफ साल 2009 में राजगढ़ में बलवा समेत शासकीय कार्य में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज की गई थी। इन पर आईपीसी की धारा 148, 294, 353, 332, 332/149, 323, 323/149 , 506(2), 336, 427 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 के सेक्शन 3 के तहत आरोप लगाए गए थे। इसी मामले में शनिवार को विधायक जीतू पटवारी, उज्जैन कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, घनश्याम वर्मा और पूर्व विधायक राजगढ़ कृष्णमोहन मालवीय को सजा सुनाई गई है। इस दौरान पटवारी खुद कोर्ट में मौजूद रहे। वहीं कोर्ट ने 14 आरोपियों को नोटिस जारी किया है। ये लोग कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे।
विधायक पटवारी के वकील अजय गुप्ता ने कहा, ‘इस फैसले से जीतू पटवारी की विधायकी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम अपर कोर्ट में अपील भी करेंगे। ‘

किसानों के आंदोलन के दौरान दिग्विजय भी घायल हुए थे

कांग्रेस ने राजगढ़ में 2009 में किसानों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इसका नेतृत्व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कर रहे थे। कांग्रेस नेता कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने जा रहे थे। इसी दौरान किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। घटना बलवा में बदल गई थी। दिग्विजय सिंह को भी चोट आई थी।

पटवारी बोले- फांसी पर लटका दो, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी

फैसले के बाद जीतू पटवारी ने कहा कि कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं। सीएम ने किसानों की दोगुनी आय का वादा किया था, वो आज तक नहीं हुई। जब तक गेहूं का दाम तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल नहीं होता, लड़ाई जारी रहेगी। ये मामला भी किसानों की लड़ाई का है। जो भी सजा देना चाहे दे दो, जेल भेजना चाहो भेज दो, फांसी पर लटका दो, लेकिन किसानों के हक की लड़ाई चलती रहेगी।

सरकार से कफन बांधकर लड़ना होगा

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी होती कि इससे बड़ी सजा मिलती और तीन हजार रुपए क्विंटल गेहूं का दाम होता। संघर्ष जारी है। लड़ाई जारी है और जारी रहेगी। अगर इस सरकार से लड़ना है, तो कफन बांधकर लड़ना होगा। विचार बदलना है, तो सरकार से हर स्तर पर लड़ना पड़ेगा। हम सब मिलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे और जीतेंगे। हमारी लीगल टीम है, वो हल निकालेगी।

वकील बोले- फैसले के खिलाफ अपील करेंगे

जीतू पटवारी के वकील अजय गुप्ता ने कहा कि फैसला अभी अक्षरश: पढ़ा नहीं है। इस बात की आशा नहीं थी कि इस तरह का फैसला आएगा। निश्चित हम लोग अपील करेंगे। विधायकी पर असर नहीं पड़ेगा। अभी जमानत हो गई है।

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