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विकास कार्यों में 50% कमीशन खाने वालों को विकास पर यात्रा निकालने का नैतिक और संवैधानिक अधिकार नहीं

विकास पर्व यात्रा के दौरान कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार का भी जवाब दें मुख्यमंत्री

ग्वालियर/भोपाल – प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने ग्वालियर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी और मध्यप्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के उस मुखिया को नैतिकता के आधार पर ‘हमारा गर्व विकास पर्व यात्रा’ निकालने का अधिकार नहीं है जिस सरकार पर विकास कार्यों में ‘50 प्रतिशत कमीशन’ के आरोप साबित हो चुके हैं।
श्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश कानून-व्यवस्था की दृष्टि से बद से बदतर राज्य के रूप में अपनी सहभागिता दर्ज करा चुका है। एनसीआरबी के तमाम आंकड़े कांग्रेस के इस आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं। चाहे महिलाओं के प्रति अत्याचार हो, बलात्कार, गैंगरेप, गैंगरेप के बाद बहनों की हत्या, राशन माफियाओं का जोर, शराब, लकड़ी, रेत यह सभी माफिया एक समानांतर सरकार के रूप में चुनौती दे रहे हैं और सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि पूरे प्रदेश में हर आरोपी को सरकार का ही संरक्षण प्राप्त हो रहा है। सीधी में जिस तरह आदिवासी भाई के मुंह पर पेशाब कांड की घटना हुई, आरोपी से पहले भाजपा ने किनारा किया और बाद में चेहरा सामने आने के बाद आदिवासी समाज से डरकर, अपने पापों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री ने पैर पकड़ने का स्वांग रचा।
ग्वालियर चंबल संभाग आज पूरी तरह कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को चुनौती दे रहा है, जिस तरह के अपराध यहां राजनीतिक आधार पर पनप रहे हैं और सरकार से जुड़े मंत्रियों, विधायकों और भाजपा नेताओं का उन्हें संरक्षण प्राप्त हो रहा है। ऐसे आरोपियों को न्यायपालिका द्वारा दंडित करने के पहले प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, जो इसी अंचल से आते हैं क्लीन चिट देकर अपराधियों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। सीधे तौर पर उनका यह कृत्य न्यायपालिका को चुनौती देने वाला है क्योंकि जो काम न्यायपालिका को करना है, उसके पूर्व गृहमंत्री समांतर न्यायपालिका संचालित कर रहे हैं।
मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आगामी चार माह बाद कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में काबिज होगी और ग्वालियर चंबल संभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस लूट की छूट की सौदेबाजी की सरकार के दौरान किए गए भ्रष्टाचार के कार्य जितने तालाब और बड़े बांधों का निर्माण हुआ है और जो बारिश के दौरान फूटे हैं। उनके लिए एक विशेष जांच समिति बनेगी और उन तमाम चेहरों को बेनकाब किया जाएगा, जिन्होंने इन घटिया निर्माण कार्यों की आड़ में जनधन को डकारा है।
मिश्रा ने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान जो भी गड़बड़ियां सामने आई हैं, उसमें पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी की राजनीति से जुड़े लोग शामिल हैं। जिस तरह योग्य प्रतिभाओं का उनकी जिंदगी में अंधेरा परोस कर इस व्यापमं पार्ट-3 के माध्यम से अपमान किया गया है, उस गठजोड़ में पूरी तरह शिक्षा माफिया, दलाल, राजनेता, नौकरशाह और सरकार में बैठे लोगों का एक गठजोड़ शामिल है। आखिरकार क्या कारण है कि व्यापमं पार्ट-1में भी ग्वालियर चंबल संभाग से जुड़े भाजपा नेताओं और नौकरशाहों के चेहरे सामने आए थे और व्यापमं पार्ट-2 भी पूरी तरह इसी संभाग के भाजपा से जुड़े नेताओं के माध्यम से साकार हुआ है।
सरकार की नियत पर एक सवालिया निशान यह भी लग रहा है कि सरकार एक लाख नौजवानों को रोजगार देने की बात कर रही है और नौकरियों में 15-15 लाख रुपयों के भ्रष्टाचार के बाद ऐसी परीक्षायें जो भ्रष्टाचार को समर्पित हैं, उक्त गठजोड़ के माध्यम से हो रही हैं। अभ्यर्थियों का चयन पहले ही हो रहा है और होनहार बालक-बालिका अपने अधिकार से वंचित होकर घोटाले और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। स्वाभाविक तौर पर सभी के मानस पटल में तैर रहा है कि आरोपियों का बचाव सिर्फ और सिर्फ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ही क्यों कर रहे हैं? यही नहीं नौजवानों को गले में भगवा दुपट्टा डालकर अपनी सभाओं में जबरिया ताली बजवाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस समूचे प्रकरण पर खामोश क्यों है? वह यदि जिंदा है तो जिंदा नजर क्यों नहीं आ रहे हैं? क्या सरकार के हर अपराधों में उनकी सहभागिता है या अपने राजनीतिक व्यवसाय के माध्यम से सिर्फ अपनी ही स्वार्थ सिद्धि करने का उद्देश्य नौजवानों के प्रति उनके दर्द को खामोश रहने को मजबूर कर रहा है?
मिश्रा ने आगे बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में चार माह बाद होने जा रहे विधानसभा के चुनाव मध्यप्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने वाले साबित होंगे, क्योंकि यहां जनता को फैसला एक विजन वाले नेता और टेलीविजन वाले नेता के बीच करना है। जहां तक टेलीविजन वाले नेता का प्रश्न है उनके चेहरे को भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी अस्वीकार कर चुका है। मध्यप्रदेश की जनता उन्हें क्यों? कैसे? और किसलिए स्वीकार करेगी? जिस तरह भारतीय जनता पार्टी, नाराज, महाराज और शिवराज के गुटों में बंटी हुई है, उसे देखते हुए तो लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में 50 सीटों पर ही सिमट रही है, जहां तक ग्वालियर चंबल संभाग का प्रश्न है तो यहां भारतीय जनता पार्टी खाता भी नहीं खोल पाएगी। कांग्रेस कोई भविष्यवेत्ता नहीं है यह पैमाना जनता की आवाज और दृष्टिकोण के रूप में सामने आ रहा है। जिसका मूल्यांकन हम कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘हमारा गर्व विकास पर्व’ यात्रा पर ग्वालियर भी आएंगे तो यहां की जनता उनसे पूछेगी कि विधानसभा उपचुनाव के दौरान उन्होंने जो घोषणाएं की थी, आज तक पूरी क्यों नहीं हुई? यहां तक की पूर्व प्रधानमंत्री की जन्मस्थली को लेकर भी उन्होंने जो घोषणाएं की थी आज किस स्थिति में है? केन-बेतवा योजना की प्रगति आज किस रूप में है। मुख्यमंत्री जी के विकास कार्यों पर तो उन्हीं की पार्टी के केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार खटीक ने प्रश्नचिन्ह लगा दिया है कि उनके ही संसदीय क्षेत्र में वर्ष 2013 और 2018 में जो मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी आज तक पूरी नहीं हुई है। जब उन्हीं के सांसद जो मध्य प्रदेश से निर्वाचित हैं केंद्रीय मंत्री के रूप में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वही मुख्यमंत्री जी की झूठी घोषणाओं से आहत हैं तो मध्य प्रदेश की जनता उन पर विश्वास क्यों और किसलिए करें?
मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश 4 लाख 30 हजार करोड़ के कर्जबोझ के तले दबा हुआ है। माननीय मुख्यमंत्री जी खाली खजाने के बावजूद भी निरंतर झूठी घोषणाओं का कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्हें मालूम है कि चार माह बाद उनकी सम्मानजनक ढंग से विदाई होगी। लिहाजा, इस दौर में जितना झूठ बोलना है बोल लीजिए। हमारी मुख्यमंत्री से मांग है कि विकास यात्रा के दौरान एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करें और बताएं कि इतना भारी भरकम कर्ज लेने के बावजूद भी किस-किस विकास कार्य पर कितना खर्च हुआ? और उस करोड़ो रुपयों के कर्ज में 50 प्रतिशत कमीशन खाने वाले कौन-कौन शामिल हैं?
मिश्रा ने कहा कि जहां-जहां भी मुख्यमंत्री इस यात्रा को लेकर निकल रहे हैं, वहां के नागरिकों को विकास कार्यों में हुए भारी भरकम भ्रष्टाचार को लेकर उनसे सवाल करना चाहिए। कांग्रेस की मांग है की पटवारी भर्ती परीक्षा के भी वास्तविक अभ्यर्थियों के साथ न्याय करने के लिए पूरी परीक्षा स्थगित हो और उसकी जांच सीबीआई से कराई जाए क्योंकि व्यापम पार्ट-1 में दोषी अपराधी आज तक कानून के शिकंजे से बाहर है। व्यापमं पार्ट-2 कृषि विस्तार अधिकारियों के चयन को लेकर था, उसमें भी माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है, फिर भी दोषी चेहरा सामने नहीं आ सका है। जबकि वह मुख्यमंत्री के बगल में बैठ सकता है, उसका नाम सार्वजनिक करने में मुख्यमंत्री को क्या आपत्ति है?
मिश्रा ने कहा कि 21 जुलाई को हमारी नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी जी, झांसी की रानी के बलिदान की पवित्र भूमि की रज को अपने मस्तक पर लगाने आ रहीं हैं। इस पवित्र भूमि का इतिहास आजादी के आंदोलन में एक पराक्रमी भूमि के रूप में दर्ज है और उसी पराक्रमी रज का सम्मान देखते हुए श्रीमती प्रियंका गांधी के आगमन के पूर्व हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि यहां भारतीय जनता पार्टी का खाता खुलना भी मुश्किल है और खुलेगा भी तो बीजेपी इक्का दुक्का सीटों में ही सिमट जाएगी। कांग्रेस को उम्मीद है कि ग्वालियर बहादुर लोगों की नगरी है। कुछ लोगों को यदि छोड़ दिया जाए तो यहां की जनता ने जिसका साथ दिया है ईमानदारी से दिया है। कभी गद्दारी नहीं की है। ग्वालियर से चंबल की बहादुर जनता कांग्रेस को मजबूती देकर मध्य प्रदेश में माननीय कमलनाथ जी की सरकार को स्पष्ट बहुमत के साथ मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार काबिज होगी।

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