अपनों से हार का बदला लेंगे कमलनाथ, बनाई खास रणनीति Politics by mpeditor - October 20, 2022October 20, 20220 कांग्रेस ने अगले साल यानि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस अब उन विधायकों के इलाकों पर फोकस करेगी, जिनके कारण सत्ता गंवानी पड़ी थी। इस फेरबदल में कांग्रेस को अपनों से ही चोट मिली थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके लिए खास रणनीति बनाई है। इसकी शुरुआत गुरुवार को बड़ामलहरा से होगी। कमलनाथ बड़ामलहरा में मंड़लम्-सेक्टर और बूथ कमेटियों की बैठक लेंगे। इसके बाद एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। बड़ामलहरा उमा भारती का गढ़ माना जाता है। 2003 में जब बीजेपी की 10 साल बाद सरकार बनी तब उमा बड़ामलहरा से ही विधायक बनीं थीं। यहीं से उमा के बड़े भाई स्वामी लोधी भी विधायक रह चुके हैं। उमा की कट्टर समर्थक रेखा यादव भी 2008 में उमा की पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी से विधायक बनीं थीं। लोधी समाज बहुल बड़ामलहरा विधानसभा से साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर प्रद्युम्न सिंह लोधी चुनाव जीते थे हालांकि वे मप्र में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे। आज यहीं से कमलनाथ कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले विधायकों को अगले चुनाव में पटखनी देने का शंखनाद करेंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए 22 विधायकों के बाद से अब तक कुल 29 विधायक BJP जॉइन कर चुके हैं। कमलनाथ विशेषकर दलबदल कर धोखा देने वाले 26 विधायकों की सीटों को जीतने के लिए खास रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस नेताओं की मानें, तो जिन विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा, उनमें से अधिकांश विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां लंबे समय बाद कांग्रेस को जीत मिली थी। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इन विधानसभाओं में वोटर्स कांग्रेस के पक्ष में है। लिहाजा, इन सीटों को लेकर अलग से रणनीति बनाई जा रही है। इन क्षेत्रों में कांग्रेस के बूथ लेवल वर्कर्स से लेकर मंडलम्-सेक्टर के पदाधिकारियों से कमलनाथ सीधे चर्चा करेंगे, ताकि स्थानीय परिस्थितियाें की जानकारी मिल सके। दलबदल के बाद कांग्रेस स्थानीय विधायकों के प्रति जनता में नाराजगी को भी भुनाने में लगी है। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों के भाजपा में शामिल होने से कमलनाथ सरकार गिर गई थी। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के वक्त कमलनाथ की आंखों से आंसू आ गए थे। हालांकि सरकार जाने के बाद से कमलनाथ के मप्र छोड़ने की चर्चाएं चलीं, लेकिन नाथ ने साफ कर दिया कि वे मप्र में ही रहेंगे। अब मप्र कांग्रेस के संगठन को विस्तार करने में जुटे हैं। 1- प्रदुम्न सिंह तोमर (ग्वालियर) 2- रघुराज कंसाना (मुरैना) 3- कमलेश जाटव (अम्बाह) 4- रक्षा सरोनिया (भाण्डेर) 5- जजपाल सिंह जज्जी (अशोकनगर) 6- इमरती देवी (ड़बरा) 7- डॉ. प्रभुराम चौधरी (सांची) 8- तुलसी सिलावट (सांवेर) 9- सुरेश धाकड़ (पोहरी) 10- महेंद्र सिंह सिसोदिया (बमोरी) 11- ओपीएस भदौरिया (मेहगांव) 12- रणवीर जाटव (गोहद) 13- गिर्राज दंडोतिया (दिमनी) 14- जसवंत जाटव (करैरा) 15- गोविंद सिंह राजपूत (सुरखी) 16- हरदीप सिंह डंग (सुवासरा) 17- मुन्ना लाल गोयल (ग्वालियर पूर्व) 18- बृजेन्द्र सिंह यादव (मुंगावली) 19- राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव (बदनावर) 20- बिसाहू लाल सिंह (अनूपपुर) 21- ऐदल सिंह कंसाना (सुमावली) 22- मनोज चौधरी (हाटपिपल्या)।