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रेत-वाहनों से वसूली करने वाले को नहीं खोज पाए अफसर

नर्मदापुरम में माइनिंग कॉर्पोरेशन के बंद खनिज नाके से हो रही थी अवैध वसूली

नर्मदापुरम – नर्मदापुरम में भोपाल चौराहे के पास स्थित माइनिंग कॉर्पोरेशन के दो साल से बंद पड़े खनिज नाके से अवैध वसूली की सूचना के बाद उसे तोड़े हुए एक सप्ताह होने को आया है। प्रशासन ने उस नाके को हटाकर अवैध अतिक्रमण तो हटा दिया। लेकिन उस नाके में रहकर, वहां से रुपए वसूलने वाले राकेश नाम के युवक को अभी तक नहीं खोज पाई है और न ही विभाग ने पुलिस को इस संबंध में आपराधिक प्रकरण की कार्रवाई करने के लिए लिखा है। खनिज विभाग ने उस चौकी को हटाकर इतिश्री कर ली है। ऐसे में विभाग के जिम्मेदारों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं? आखिर क्यों रेत के वाहनों से रुपए वसूलने वाले युवक को खोजने में विभाग को समय लग रहा।
उल्लेखनीय है कि जिले में ढ़ाई साल पहले रेत उत्खनन व परिवहन का ठेका आरकेटीसी कंपनी के पास था। माइनिंग कॉरपोरेशन की तरफ से आरकेटीसी ने भोपाल चौराहे पर खनिज जांच चौकी का निर्माण किया था, आरकेटीसी कंपनी के जाते ही खनिज नाका बंद हो गया। लेकिन नाके के नाम पर बनाई टापरी नहीं हटाई गई। जिससे नाका सुना पड़ा हुआ था, यहां पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कब्जा कर लिया गया। जहां से रेत लेकर जाने वाले वाहनों से अवैध रुपए वसूलने का लंबे समय कार्य जारी था। लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी को भनक तक नहीं लगी। पिछले सप्ताह शिकायत मिलने के बाद 13 मार्च को जिला खनिज अधिकारी देवेश मरकाम, सिटी मजिस्ट्रेट संपदा सराफ, डिप्टी कलेक्टर प्रियंका भल्लवी, नगर तहसीलदार देवराम उइके और नगरपालिका के अतिक्रमण अमले को लेकर भोपाल चौराहे पर पहुंचे। उक्त टपरिया में संचालित अवैध नाके को तो हटा दिया, लेकिन वो व्यक्ति को नहीं पकड़ पाएं। जो खनिज चौकी की टपरिया से बसेरा बनाकर रह रहा था और अवैध नाका चला रहा था। नाके के अंदर युवक के खाने, सोने का पूरा इंतजाम था। जो अतिक्रमण दल ने जप्त किया। लेकिन युवक को अभी तक नहीं ढूंढ पाएं। युवक किस रसूखदार के दम पर खुलेआम रेत वसूली कर रहा था। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। जिला खनिज अधिकारी देवेश मरकाम से इस संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की। लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

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