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चुनाव नजदीक तो खोला रास्ता, जनता से लूटे 20 करोड़

खंडवा – बारिश के बाद से इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर स्थित मोरटक्का पुल भारी वाहनों के लिए बंद था। अब 5 महीने बाद जब लोकसभा चुनाव सामने दिखे तो नेता और अफसरों की जमात बैठी और प्रतिबंध हटाने का निर्णय ले लिया। ताज्जुब की बात है कि प्रतिबंध के इन पांच महीने में खंडवा और बुरहानपुर की जनता से 20 करोड़ रूपए की लूट हुई है। वजह साफ है जब पेट्रोलियम वाहन मोरटक्का पुल की बजाय खरगोन होकर आने लगे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दाम 1 रूपए 38 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ा दिए थे।
खंडवा के चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं डीजल-पेट्रोल संगठन के पदाधिकारियों ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को 20 टन के टैंकरों व ट्रको को पुल पर से निकलने की अनुमति देने के लिए पत्र के साथ चर्चा की थी। सांसद पाटिल ने गुरुवार को व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर अनूप कुमार सिंह से मुलाकात की। कलेक्टर सिंह ने राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का निराकरण किया। अब पुल के दोनों ओर 20 टन के ट्रक एवं डीजल-पेट्रोल टैंकरों को कम स्पीड में निकलने के आदेश पारित कर दिए। सवाल उठता है कि यह निर्णय बारिश के बाद जर्जर हुए मोरटक्का पुल के मेंटनेंस के बाद भी हो सकता था। लेकिन इसके पीछे व्यापारियों ने भी मुनाफा कमाया।

दो जिलों की जनता ने करीब 20 करोड़ रू. चुकाए

मोरटक्का पुल पर प्रतिबंध होने से पेट्रोल-डीजल के वाहन इंदौर से खलघाट, खरगोन होते हुए खंडवा, बुरहानपुर आने लगे। करीब 100 किलोमीटर से ज्यादा का फेरा होने लगा। इस कारण भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, हिंदूस्तान पेट्रोलियम ने मिलकर पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर 1.38 रूपए दाम बढ़ा दिए। इस बढ़ोत्तरी के कारण खंडवा, बुरहानपुर की जनता को अतिरिक्त पैसा चुकाना पड़ा।
ऐसे मामलों से जुड़े जानकार व पेट्रोल पंप व्यवसायी प्रकाश नरेड़ी के मुताबिक, खंडवा जिले में 130 पेट्रोल पंप है, रोजाना 5 लाख लीटर डीजल-पेट्रोल की खपत होती है। बढ़ी हुई कीमतों की वजह से खंडवा की जनता 7 लाख रूपए अतिरिक्त खर्च करती थी। इतना ही आंकड़ा बुरहानपुर जिले का भी है। यानी दोनों जिलों की जनता ने महीने में 4 करोड़ 20 लाख रूपए और प्रतिबंध के पांच महीने के दौरान 20 करोड़ रूपए से ज्यादा चुकाएं है।

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