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गैंगरेप के बाद जलाई गई महिला की खौफनाक दास्तां

बोली- मैं चीखती रही, वो हंसते रहे; पति बोला- समझौते के बाद भी केस दर्ज कराया

ग्वालियर – मुरैना के अंबाह में शुक्रवार को गैंगरेप के बाद जलाई गई महिला की हालत गंभीर है। वह 80 फीसदी झुलस गई है और ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल की बर्न यूनिट में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। इधर, वारदात के बाद सभी आरोपी फरार हैं। दैनिक भास्कर ने महिला और उसके पति से बात की। महिला ने उस दिन की खौफनाक वारदात बताई। वहीं, पति ने बताया कि जिस महिला ने उसके खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया है, उससे समझौता हो गया था। इसके बावजूद वह ब्लैकमेल कर शादी का दबाव बना रही थी। फिर से समझौते के उद्देश्य से पत्नी उस महिला के घर गई थी। पीड़ित और आरोपी परिवार आपस में रिश्तेदार हैं। भास्कर टीम ने मुरैना जिले के अंबाह स्थित घटनास्थल चांद का पुरा गांव जाकर भी स्थिति देखी। जाना, आखिर कैसे हुई विवाद की शुरुआत।

क्या हुआ था वारदात वाले दिन

‘आरोपियों का गांव मेरे गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर है। पति पर रेप का केस दर्ज कराने वाली महिला हमारी रिश्तेदार है। मैंने सोचा कि उनसे बात कर केस को खत्म करवा दूंगी, क्योंकि पहले भी समझौता हो गया था। शुक्रवार सुबह 10 बजे बिना बताए घर से निकली थी। दोनों बच्चे घर पर थे। पति बाहर गए थे। मैं वहां पहुंची। वहां पहुंचते ही उन लोगों ने झगड़ा शुरू कर दिया। वहां गौतम, राकेश, मदन, राखी, बाबा, चाची समेत आठ-दस लोग थे। उन्होंने मेरे साथ गलत काम किया।
करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर लात-घूंसों और डंडों से पीटा। मुझ पर पेट्रोल डाल दिया। रेप केस कराने वाली महिला ने मुझे आग लगा दी। मैं लपटों से घिर गई। बचाओ-बचाओ चिल्लाती रही, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। सभी हंसते रहे। वे लोग लोग घर पर ताला लगाकर जाने लगे।
इतने में एक ने कहा- इसे उठाकर बाहर फेंक दो। आसपास के लोगों ने भी आवाज सुनी, लेकिन किसी ने अंदर जाने की हिम्मत नहीं की। जब चीख, सिसकियों में बदल गई, तो सभी घर के आंगन में मुझे छोड़कर बाहर ताला लगाकर भाग गए। मैं बेहोश हो गई।’

जली हालत में पत्नी निर्वस्त्र पड़ी थी, मैं कुछ नहीं कर पाया

महिला के पति ने बताया- चांद का पुरा गांव में बड़े भाई के साढ़ू रहते हैं। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे उनका कॉल आया। कहा- गांव में किसी महिला को जला दिया गया है। मुझे शक हुआ, क्योंकि कुछ दिन से पत्नी कह रही थी कि मैं गांव जाकर उस महिला से बात करके मामला सुलझा दूंगी। मैं दौड़ता हुआ घर पहुंचा। यहां पत्नी को नहीं देख घबरा गया। डायल 100 को सूचना दी। यहां से एक पुलिसकर्मी साथ गया।
गांव में आरोप लगाने वाली महिला के घर पहुंचे। हम जैसे ही आंगन में पहुंचे, तो वहां का हाल देखकर रोंगटे खड़े हो गए। मेरी पत्नी जली हालत में निर्वस्त्र पड़ी थी। वहीं से एक चादर उस पर डालकर एम्बुलेंस से उसे अंबाह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां से दूसरे दिन ग्वालियर के जेएएच रेफर कर दिया गया। अफसोस है कि मेरी पत्नी को जला दिया। मैं कुछ नहीं कर पाया।

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