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भारत जोड़ो न्याय यात्रा में चल रहे यात्रियों की कहानी

रतलाम – राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज 54वां दिन है। पांच दिन तक मप्र में रहने के बाद अब यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर गई है। राहुल गांधी की 2024 में निकाली जा रही ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’, साल 2022 में निकाली गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से जुदा है। साल 2022 में राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3 हजार 570 किमी की यात्रा 150 दिनों में पूरी की थी। ये यात्रा पूरी तरह से पैदल यात्रा थी। इस बार राहुल बस से सफर कर रहे हैं। मणिपुर से मुंबई तक 6713 किमी की ये यात्रा 67 दिनों में पूरी होने वाली है।
2022 की भारत जोड़ो यात्रा में राहुल के साथ 119 पैदल यात्री थे। जिन्होंने कश्मीर तक यात्रा पूरी की थी। इस बार पैदल यात्री नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे चेहरे हैं, जो दिन-रात राहुल के साथ डटे हुए हैं। कोई लॉ ग्रेजुएट हैं जो राहुल के साथ नंगे पांव यात्रा कर रहा है। किसी ने अपने सीने पर टैटू बनाकर राहुल का चेहरा उकेरा है। छत्तीसगढ़ और मप्र की कई लड़कियां भी राहुल की इस यात्रा में मणिपुर से लेकर अब तक लगातार साथ हैं।
खास बात ये है कि राहुल गांधी इन सभी को अच्छी तरह से जानते हैं। राहुल तक पहुंचने के लिए बड़े बड़े नेताओं को मशक्कत करना पड़ती है लेकिन इनके लिए सिक्योरिटी भी बाधा नहीं बनती है। इतना ही नहीं, राहुल 5 मार्च को उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे तो सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता भले ही बाहर छूट गए, लेकिन राहुल के ये फैन उनके साथ ही महाकाल मंदिर परिसर में पहुंच गए। राहुल के साथ यात्रा में शामिल इन युवाओं से दैनिक भास्कर ने बात कर समझा कि आखिर वे किस मकसद के साथ भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए हैं।

सबसे पहले बात करते हैं लॉ ग्रेजुएट दिनेश की…

हरियाणा के रहने वाले दिनेश को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हर शख्स जानता है। दिनेश ने एलएलबी की पढ़ाई की है, लेकिन राहुल की यात्रा में वे कांग्रेस के झंडे के रंग के पोशाक पहने सबसे आगे पैदल चलते नजर आते हैं। उनके हाथ में तिरंगा होता है जिसे वे लहराते हुए आगे बढ़ते हैं। राहुल की पिछली भारत जोड़ो यात्रा में भी दिनेश पूरे वक्त पैदल यात्री के रूप में शामिल हुए थे। दैनिक भास्कर से बातचीत में दिनेश कहते हैं कि देश के मौजूदा हालात में राहुल का यह आंदोलन जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक राहुल गांधी प्रधानमंत्री नहीं बन जाते तब तक वे कांग्रेस पार्टी के झंडे से बना ये चोला नहीं उतारेंगे। वे कहते हैं कि युवाओं के हक की बात इस देश में सिर्फ राहुल कर रहे हैं।
हमने सवाल पूछा कि इतने दिनों से घर से अलग हैं तो परिवार वाले सवाल नहीं उठाते? तो जवाब मिला कि परिवार वाले खुश हैं कि किसी नेक काम में लगा है। दिनेश के घर में छोटा भाई, बहनें, माता-पिता और दादी है। उनकी शादी हो चुकी थी, लेकिन टूट गई। वे कहते हैं कि शादी नसीब में होगी तो हो जाएगी, लेकिन उनका पूरा फोकस इस यात्रा पर है।

कुलदीप ने एक महीने की पढ़ाई दांव पर लगा दी

राहुल की इस यात्रा में साथ चल रहे हैं मुरैना के कुलदीप शर्मा। कुलदीप भले ही रहने वाले मुरैना के हैं, लेकिन वे मणिपुर से इस यात्रा के साथ है। बीएससी सेकंड ईयर के छात्र कुलदीप कहते हैं कि भ्रष्टाचार, पेपर लीक, रिश्वतखोरी ये वो मुद्दे हैं जिन्होंने उन्हें इस यात्रा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। वे कहते हैं कि राहुल गांधी सिस्टम के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं और उनकी इस लड़ाई में वे आखिरी सांस तक उनके साथ है। उनसे पूछा कि आगे क्या करने वाले हैं तो कुलदीप ने कहा कि 12वीं में उनके 87% मार्क्स थे। उन्होंने नेवी का एग्जाम दिया, लेकिन मेडिकल क्वालीफाई नहीं कर पाए।
कुलदीप ने कहा, ‘आज तक मुझे ये पता नहीं चला कि क्यों डिसक्वालीफाई किया गया। इसके बाद मैंने एमपी पुलिस का भी एग्जाम दिया लेकिन पता ही नहीं चल रहा कि रिजल्ट आएगा या नहीं। मैंने सोचा नौकरी तो मिलेगी नहीं, तो ऐसे नेता का साथ दिया जाए जो देश को एकजुट करने के लिए लड़ाई लड़ रहा है।’

गले में राहुल-प्रियंका की फोटो पहने 60 साल के अनोखेलाल भी यात्री

गांधी परिवार की पारंपरिक संसदीय सीट अमेठी से आने वाले अनोखेलाल तिवारी पिछले 40 सालों से गांधी परिवार और कांग्रेस से जुड़े हैं। चेहरे पर बड़ी – बड़ी सफेद मूंछ और दाढ़ी। सिर पर गांधी टोपी उस पर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे का निशान। गले में राहुल और प्रियंका से मुलाकात की फोटो अनोखेलाल की पहचान है। यात्रा की शुरुआत से ही वे राहुल गांधी के साथ हैं। कहते हैं कि मुंबई तक जाउंगा। जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक साथ चलूंगा। हमने पूछा कौन सा न्याय चाहते हैं, तो बोले कि देश और संविधान को बचाना है। आगे कहते हैं कि जनता की आवाज बुलंद करना है तो कांग्रेस को वापस लाना जरूरी है।

मां की तबीयत खराब, बावजूद इसके यात्रा में शामिल है असम के अहमद

असम के रहने वाले सईद सलीमुद्दीन अहमद ने बीए तक की पढ़ाई की है। वे कहते हैं फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में कैज़ुअल नियुक्ति थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि बारी जब परमानेंट करने की आई तो सीएम ने मेरा नाम कटवा दिया। राहुल की यात्रा में मणिपुर से ही साथ चल रहे हैं और मुंबई तक जाने का इरादा है। अहमद कहते हैं कि राहुल इस यात्रा के जरिए सभी वर्ग के लोगों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहमद के घर में मां-पिता है, बहनों की शादी हो चुकी है। कहते हैं राहुल गांधी देश के लिए यात्रा कर रहे हैं, जैसे महात्मा गांधी ने आजादी दिलाने के लिए की थी।

अब लड़कियों की बात…

छत्तीसगढ़ की पार्वती और ग्वालियर की निधि पूरी यात्रा में साथ

छत्तीसगढ़ से आई पार्वती पूरी यात्रा में राहुल के साथ चल रही हैं। वह सिविल इंजीनियर है। पार्वती कहती हैं कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा, सभी वर्ग के लोगों की न्याय की लड़ाई है। इस देश में युवा परेशान हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। राहुल युवाओं की आवाज को सड़क पर उठा रहे हैं, ताकि लोग उनकी बातों को समझें कि इस देश में नौकरी के लिए युवा कितने परेशान हैं। वहीं इस यात्रा में ग्वालियर की रहने वाली निधि शर्मा भी शामिल हैं। निधि, मणिपुर से यात्रा में साथ चल रही हैं और वे भी मुंबई तक जाएंगी। निधि 2022 में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल थीं। उनसे पूछा कि परिवार के लोगों की क्या सहमति है तो वे बोली कि घर में माता-पिता, भाई है। माता-पिता तो मना करते हैं, लेकिन भाई का पूरा सपोर्ट है।

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