राज्यसभा में हुए हंगामे को लेकर नहीं थम रहा हंगामा जारी, केंद्रीय मंत्रियों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस Nation News Politics by mpeditor - August 12, 2021August 12, 20210 नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने सामने है. राज्यसभा में हुए हंगामे को लेकर आज विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च किया. मार्च में विपक्षी नेताओं ने सरकार पर तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया. विपक्ष के इन आरोपों पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी ने कहा है कि विपक्ष ने लगातार हंगामा करके संसद को सड़क बना दिया. साथ ही कांग्रेस के आरोपों के बाद अब आठ केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा. घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए. वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘कांग्रेस और उसके मित्र सहयोगियों ने संसद को नहीं चलने देने का पहले ही फैसला कर लिया था. उन्होंने नए मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी. हम मांग करते हैं कि राज्यसभा के सभापति को नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.’ आखिर क्या हुआ था राज्यसभा में… राज्यसभा में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों की अभूतपूर्व तैनाती देखने को मिली ताकि विपक्षी सदस्यों के मेज पर चढ़ने जैसी भद्दी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके. किंतु इसके बावजूद सदन में विपक्षी सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की और कागज फाड़कर उछाले तथा कुछ सदस्य आसन की ओर बढ़ने का प्रयास करते हुए सुरक्षाकर्मियों से उलझ गए. विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. बहरहाल, इन सदस्यों को करीब 50 सुरक्षाकर्मियों द्वारा बनाये गए घेरे ने अधिकारियों की मेज और आसन तक जाने से रोक दिया. इन सुरक्षाकर्मियों की तैनाती इस तरह से की गयी थी जिसमें विरोध कर रही महिला सांसदों के समक्ष पुरूष सुरक्षाकर्मी और पुरूष सांसदों के समक्ष महिला सुरक्षाकर्मी खड़े थे. विरोध कर रहे कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक आदि विपक्षी दलों के सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उन्होंने विरोध करने के दौरान कागज फाड़े. अधिकारियों की मेज और आसन की ओर बढ़ने का प्रयास भी किया. कुछ सदस्यों ने सुरक्षाकर्मियों का घेरा तोड़ने का प्रयास किया और उनके साथ उलझ गए.