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मुख्यमंत्री महिलाओं, बच्चों और बच्चियों पर हो रहे जुल्मो-सितम और अत्याचार से ध्यान बंटाने के लिये बहनों, भांजों और भांजियों का जिक्र करते हैं – शोभा ओझा

मध्यप्रदेश अब तक नंबर वन क्यों बना हुआ है?

भोपाल – मध्य प्रदेश कांग्रेस मोर्चा संगठनों के प्रभारी शोभा ओझा ने कहा है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार लाड़ली लक्ष्मी और ‘लाड़ली बहना’ जैसी बड़ी-बड़ी लच्छेदार बातें करती है और यह दिखाने का प्रयास करती है कि वह बहुत बड़ी महिला हितैषी सरकार है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमारे मुख्यमंत्री ‘प्यारी भांजियों’ और ‘प्यारे भांजों’ का भी जिक्र अपने भाषणों में बार-बार करते हैं लेकिन यह वास्तविकता को छिपाने का उनका एक कुटिल षड्यंत्र है, हकीकत तो यह है कि हमारे शातिर मुख्यमंत्री महिलाओं, बच्चों और बच्चियों पर हो रहे जुल्मो-सितम और अत्याचार से ध्यान बंटाने के लिये ही बहनों, भांजों और भांजियों का जिक्र करते है?
वें यह कभी नहीं बता पाते कि एनसीआरबी की रिपोर्ट में महिलाओं, बच्चियों और बच्चों के प्रति अपराध में मध्यप्रदेश अब तक नंबर वन क्यों बना हुआ है?
श्रीमती ओझा ने कहा कि यह पूरा प्रदेश जानता है कि महिलाओं व बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, अत्याचार, मारपीट, दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। जिससे महिलाओं, बच्चियों व उनके परिवारों में भय का वातावरण व्याप्त है। इसी संदर्भ में आज आपसे एक नये आंकड़े के संदर्भ में चर्चा करना चाहती हूँ।
इस आंकड़े के अनुसार हमारा राज्य गुमशुदा लड़कियों के मामले में तो देश में नंबर वन है ही, लेकिन यह स्थिति केवल लड़कियों तक ही सीमित नहीं है लड़कों के मामले में भी मध्यप्रदेश का यही हाल है, स्पष्ट है कि राज्य के बच्चों की सुरक्षा करने में मध्यप्रदेश की सरकार, उसके मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पूरी तरह से नाकारा सिद्ध हुए हैं।
केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किये गए ताजा आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2018 से 30 जून 2023 तक यानि पिछले पांच वर्षों में 61,102 बच्चे प्रदेश में गायब हैं, जिसमें से 49,024 बच्चियां हैं और 12,078 बच्चे हैं।
श्रीमती ओझा के मुताबिक यह एक भयभीत कर देने वाला आंकड़ा है जो मध्यप्रदेश में बच्चों-बच्चियों की सुरक्षा की पोल खोल रहा है और यह भी साबित कर रहा है कि राज्य के तमाशे बाज मुख्यमंत्री केवल भांजे-भांजियों को बरगलाने का प्रयास करते हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है, अगर मुख्यमंत्री में जरा भी शर्म है तो इस ताजा सरकारी आंकडे़ के आने के बाद राज्य के नागरिकों से अविलंब माफी मांगें और गायब हुए बच्चों के संबंध में राज्य सरकार द्वारा अब तक की गई कार्यवाही और भविष्य की कार्ययोजना को अविलंब सार्वजनिक करें।

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