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मोहनखेड़ा से आदिवासी अंचल के 6 जिलों का सीधा संपर्क, कांग्रेस यहां से प्रचार शुरू करना शुभ मानती है

इंदिरा गांधी के समय से होती आई हैं सभाएं

इंदौर – शाजापुर जिले में राहुल गांधी की सभा के बाद अब प्रियंका गांधी 5 अक्टूबर को धार जिले के मोहनखेड़ा पहुंचेंगी। यहां जैन तीर्थ में दर्शन के बाद तीन किमी दूर राजगढ़ में ही आदिवासी अंचल के लिए एक सभा को संबोधित करेंगी। साथ ही आदिवासी जननायक टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगी। सभा में 9 जिलों में आने वाली पांच लोकसभा व 41 विधानसभा सीटों के पदाधिकारियों को बुलाया गया है। हर जिले को ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने का टारगेट दिया गया है।
दरअसल, मोहनखेड़ा को लेकर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यहां गांधी परिवार के कई सदस्य अब तक आ चुके हैं। यहां से चुनाव प्रचार कांग्रेस के लिए शुभ होता है। हालांकि सिर्फ कांग्रेस नेता ही नहीं, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी यहां आ चुके हैं। भाजपा और अन्य संगठनों की कई चिंतन बैठकें भी यहां हो चुकी हैं।

77 में आई थीं इंदिरा गांधी, 2000 में सोनिया गांधी

स्थानीय कांग्रेसी राधेश्याम मुवेल के मुताबिक 1977 में यहां इंदिरा गांधी आई थीं। तब उनका हेलीकाॅप्टर खराब हो गया था। वे इंदौर से सड़क मार्ग से आई थीं।
साल 1999- 2000 में साेनिया गांधी और राहुल आए थे। उस समय देश में यूपीए की सरकार थी और सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे।
साल 2013 में राहुल गांधी यहां आए थे।
2017 में सेवादल के कार्यक्रम में फिर राहुल आए थे। तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख संत रहे ऋषभ विजय जी से मिलने कई बार नेता गुप्त रूप से भी आते रहे हैं।

इन आदिवासी सीटों पर नजर

इस तीर्थ से झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन और रतलाम के अलावा धार जिले की विधानसभा सीटें सीधे कवर हो जाती हैं।

इसलिए महत्वपूर्ण

130 साल से भी ज्यादा पुराने इस तीर्थ से जैन समाज के अलावा आदिवासी समाज भी प्रभावित है। क्योंकि ट्रस्ट ने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी के लिए बहुत काम किया है। संतों का तो अपना प्रभाव था ही, मंदिर ट्रस्ट से जुड़े अधिकांश सदस्य इस क्षेत्र के व्यापारी हैं। यह वर्ग आदिवासी आरक्षित सीट होने से खुद भले ही चुनाव न लड़ पाए, लेकिन जिसे सपोर्ट करता है, वह नेता बन जाता है।
ट्रस्ट स्कूल, अस्पताल, गोशाला व शिविर भी लगाता है।

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