महबूबा मुफ़्ती ने साधा मोदी पर निशाना, बोली- मोदी फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं, कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ किया होता तो उनकी हालत बदल गई होती Nation by mpeditor - March 24, 2022March 24, 20220 नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर भाजपा पर लगातार तंज कस रही हैं। बुधवार को महबूबा ने कहा कि जनता की बुनियादी दिक्कतों को दूर करने के बजाय, भगवा पार्टी खुलेआम देश में अलगाव का माहौल बनाने में लगी है। भाजपा क्या जाने कश्मीरी पंडित क्या होता है। वे कश्मीरी पंडितों के दुख को हथियार बनाकर नफरत फैलाना चाहते हैं। महबूबा ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर एक को अत्याचारों का सामना करना पड़ा। जिस तरह से बीजेपी और पीएम मोदी फिल्म द कश्मीर फाइल्स का प्रमोशन कर रहे हैं, उसी तरह अगर पिछले 8 साल में कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ किया होता तो आज उनकी हालत कुछ और होती। छत्तीसिंहपुरा हत्याकांड का जिक्र कियाफिल्म के बारे में वे बोलीं- मैंने द कश्मीर फाइल्स नहीं देखी। मैंने छत्तीसिंहपुरा हत्याकांड और नदीमार्ग हत्याकांड देखा है। 3 दिन बाद सेना ने 7 मुसलमान लड़कों को उठाया और उन्हें मार दिया। तो क्या हम इससे यह कह सकते हैं कि पूरी सेना खराब है? मुफ्ती ने पहले यह कहा था कि भाजपा देश को बांटना चाहती है और कई पाकिस्तान बनाना चाहती है। बीजेपी वोट बैंक मजबूत कर रही- मुफ्तीमहबूबा पीडीपी के कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रही थीं। उन्होंने कहा- नफरत का माहौल बनाकर बीजेपी वोट बैंक को मजबूत करती है। हम 2014 से देख रहे हैं कि भाजपा अलगाव वाली बयानबाजी का राजनीतिक लाभ कैसे उठा रही है। भाजपा पर हमला जारी रखते हुए महबूबा बोलीं- इमोशनल इश्यूज को उठाकर भोली जनता को धोखा देने के अलावा भाजपा ने कुछ नहीं किया है। सरकार पर हमला बोलते हुए वे बोलीं- मेरे पिता के चाचा और चचेरे भाई मारे गए। हम चाहते हैं कि हिंसा बंद हो। वे भाजपा चाहते हैं कि पाकिस्तान से जंग हो। वे हिंदू-मुस्लिम, जिन्ना, बाबर, औरंगजेब के बारे में बात करते हैं… औरंगजेब 500 साल पहले था, बाबर 800 साल पहले, आज बाबर-औरंगजेब की क्या प्रासंगिकता है? क्या सड़क, सिंचाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे नहीं हैं?” जांच आयोग के गठन का सपोर्ट कियाफिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर चल रहे विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की ‘सच और सुलह आयोग’ (Truth and Reconciliation Commission) की स्थापना की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा केंद्र सरकार को सच्चाई की जांच के लिए आयोग गठित करना चाहिए।