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क्या कमलनाथ की लोकप्रियता से डर गए हैं शिवराज, आखिर क्यों बोला सिमरिया हनुमान प्रतिमा के बारे में झूठ?

कमलनाथ ने 2015 में स्थापित करवाई थी 101 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा, शिवराज के झूठ बोलने का मकसद क्या है

भोपाल – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज तक को दिए एक साक्षात्कार में जनता के सामने गलत तथ्य प्रस्तुत किया। शिवराज ने कहा कि छिंदवाड़ा के सिमरिया में सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में स्थापित विशाल हनुमान प्रतिमा पहले से है। शिवराज ने बिना तथ्य की पड़ताल किए झूठी जानकारी पब्लिक के सामने रखी जिस पर कांग्रेस ने सख्त विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने वर्ष 2012 में सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर की विशाल प्रतिमा का भूमि पूजन किया और वर्ष 2015 में इस मूर्ति की स्थापना की गई। कांग्रेस ने भ्रामक जानकारी देने के लिए शिवराज सिंह चौहान से स्पष्टीकरण भी मांगा है और कहा है कि उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए।

कमलनाथ ने किया था संकल्प

साल 1980 के आसपास की बात है जब कमलनाथ जनसभा में शामिल होने अपने चुनावी क्षेत्र सौसर की ओर गए थे जब वहां से वापस छिंदवाड़ा की तरफ लौट रहे थे। तब अचानक सिमरिया के पास उनका वाहन असंतुलित हो गया और उस दौरान दुर्घटना होते होते बच गए। कमलनाथ हनुमान जी के अनन्य भक्त है इस लिए वहीं रास्ते में उतारकर उन्होंने हनुमान जी का धन्यवाद किया, और संकल्प लिया की वे यहाँ हनुमान जी का एक भव्य मूर्ति स्थापित करेंगे।

भूमि पूजन एवं मूर्ति निर्माण

कुछ दशक बाद श्री कमलनाथ के प्रयासों से सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर सिमरिया छिंदवाड़ा में भगवान हनुमान की 101 फीट विशाल प्रतिमा का निर्माण कराया गया। कमलनाथ जी ने 25 अक्टूबर 2012 को भूमि पूजन किया। यह मंदिर परिसर पांच एकड़ भूमि में फैला हुआ है। ​इस 101 फीट की मूर्ति बनाने के लिए कुशल कारीगरों को राजस्थान से बुलाया था उन मूर्तिकारों को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई।
हनुमानजी की यह 101 फीट ऊंची प्रतिमा पूर्वमुखी है, जो सूर्य की पहली किरण के साथ चमक उठती है। राष्ट्रीय मार्ग के किनारे से देखने पर ऐसा लगता है मानो भगवान हनुमान की मूर्ति राहगीरों को अपना आशीर्वाद दे रही है।

प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम

कमलनाथ के मार्गदर्शन में 3 साल के भीतर विशाल प्रतिमा का निर्माण किया गया और 24 फरवरी 2015 को वैदिक मंत्रों से कई विद्वानों ने भगवान की मूर्ति में प्राणप्रतिष्ठा की। इस दौरान प्रतिमा पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
इस बड़ी हनुमान जी की मूर्ति के एक ओर गणेशजी तो दूसरी महादेव शंकरजी के छोटे-छोटे मंदिर हैं। मंदिर में पांच अन्य शानदार और सुंदर मूर्तियां हैं – राम परिवार, शिव परिवार, लक्ष्मी नारायण, राधा कृष्ण, दुर्गा देवी के मंदिर बनाये गए। इस मंदिर के प्रांगण में सरस्वती जी का मंदिर भी है।
यहां जिले भर से लोग मूर्ति के दर्शन करने पहुंचते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए यह मंदिर प्रसिद्ध है और लोगों के बीच आस्था का केंद्र है। कई भक्त यहां आते हैं और भगवान से उनकी मनोकामना और खुशी की प्रार्थना करते हैं। भगवान हनुमान की मूर्ति प्रभावशाली और प्रशंसनीय है। यहां हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है। कहा जाता है। विशाल गदा हनुमानजी के हाथ में है और उनके पैर भी बहुत विशाल हैं। यह अब जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर बन गया है। यह जगह लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
समय समय पर मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान व भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है जिसमें स्थानीय निवासी भाग लेते है। हनुमान जयंती पर यहाँ प्रति वर्ष विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। आयोजन की मेजबानी स्वयं धर्म प्रेमी हनुमान भक्त कमलनाथ करते हैं। प्रतिवर्ष यहां सदैव धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। बहुत से आयोजनों की मेजबानी स्वयं कमलनाथ करते हैं।

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