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बालाघाट मामले में प्रमोटी IAS ने डायरेक्ट IAS पर साधा निशाना, उठाया ये गंभीर सवाल

स्ट्रांग रूम खुलने की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी के संज्ञान में ना होना सीधी भर्ती के IAS अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है

बालाघाट – बालाघाट में समय से पहले की गई डाक मत पत्रों की शॉर्टिंग से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में एक प्रमोटी आईएएस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रमोट होकर आईएएस बनीं शैलबाला मार्टिन ने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है कि छंटनी डाक मतपत्रों को स्ट्रांग रूम में रखने के पहले की जाती है। स्ट्रांग रूम खुलने की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी के संज्ञान में ना होना गंभीर विषय है जो सीधी भर्ती के IAS अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। मार्टिन के इस सवाल ने प्रमोटी और डायरेक्ट आईएएस के बीच चलने वाले कोल्डवॉर को भी हवा दे दी है। हालांकि इस पूरे मामले में चुनाव आयोग अब तक दो लोगों को निलंबित कर चुका है, लेकिन बालाघाट के स्ट्रांग रूम में हुए घटनाक्रम पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।

बालाघाट का मामला

बता दें, बालाघाट के ट्रेजरी ऑफिस में बने स्ट्रांग रूम में पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आते ही प्रदेश की सियासत गरमा गई थी। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई थी। आयोग भी कांग्रेस के निशाने पर आ गया था। कांग्रेस बालाघाट कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को हटाने की मांग कर रही है। इस मामले में बुधवार को एसडीएम गोपाल सोनी को निलंबित कर दिया गया है। उनके स्थान पर डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह (तहसीलदार) को भी इसी मामले में निलंबित किया जा चुका है।

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