You are here
Home > Uncategorized > सैकड़ों आदिवासियों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट घेरा

सैकड़ों आदिवासियों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट घेरा

रात्रि विश्राम की घोषणा पर प्रशासन में मची खलबली, एसडीएम ने निराकरण का दिया आवश्वासन

ग्वालियर – ग्वालियर में सैकड़ों आदिवासियों ने सरकार और जिला प्रशासन की वादाखिलाफी से हताश और परेशान होकर जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया, जिले के डबरा विकासखंड से बुधवार को पैदल मार्च निकालकर चले आदिवासी ने गुरुवार की शाम ग्वालियर कलेक्ट्रेट पर पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों बेरुख रवैये को देखकर आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट पर ही रात्रि विश्राम की घोषणा कर दी, आदिवासियों के ऐलान के बाद प्रशासन सहम गया और फिर वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर मांगों के निराकरण का भरोसा सैकड़ो आदिवासियों को दिलाया जिसके बाद आदिवासियों ने अपने आन्दोलन की समाप्ति की घोषणा वही करदी।
बता दें कि उनकी मांग है कि हर भूमिहीन आदिवासी परिवार को 5 एकड़ कृषि भूमि का पट्टा दिया जाए, जिन्हें आवास नहीं है उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना का लाभ दिया जाए, साथ ही इन योजना में मांगी जा रही रिश्वतखोरी को पूरी तरह से बंद किया जाए, इसके साथ ही आदिवासियों के पट्टो पर दबगों द्वारा किए गए कब्जे को प्रशासन हटवाए और सस्ती बिजली दे, मनरेगा की मजदूरी 600/- रुपये प्रतिदिन करने तथा 200 दिन के रोजगार की गारंटी देने आदि की मांग को लेकर यह पद यात्रा बुधवार को डबरा से शुरू हुई, इस यात्रा में मध्य प्रदेश किसान सभा के राज्य महासचिव अखिलेश यादव के अलावा जिला महासचिव जितेंद्र आर्य, कमल सिंह, मोहन सिंह, प्रेम बाई, आदिवासी मद्दोंबाई आदिवासी, साबू खान, रामगोपाल सेन सहित सैकड़ों की संख्या में आदिवासी शामिल थे।

कंधे पर बच्चे, हाथ में लाठी लेकर चल रहे थे आदिवासी, 75 साल के बुजुर्ग में भी दिखा जोश

इस यात्रा को समर्थन और अपनी मांगों को लेकर सभी आदिवासी अपने सिर पर खाने की गठरी व कंधे पर बच्चे और हाथ में लाठी लिए डबरा से ग्वालियर तक पैदल मार्च करते हुए 32 से 33 डिग्री के टेंपरेचर में एक जुट होकर जोशीले नारे लगाते हुए संकल्प के साथ चल रहे थे, इन आदिवासियों में कई महिला और ऐसे थे जिनके पैरों में चप्पल तक नहीं थी इस यात्रा में 50 से लेकर 75 साल तक के महिला पुरुष बुजुर्ज शामिल थे। जो बिना किसी सहारे के डबरा से पैदल चल रहे थे, इस पर यात्रा ने डबरा से चलकर रात्रि में बिलौआ मंडी में विश्राम किया था

कलेक्ट्रेट का घेराव कर रात्रि विश्राम की घोषणा की प्रशासन में मची खलबली दिया मांगों को पूरी करने का भरोसा

अपनी मांगों को लेकर गुरुवार सुबह से आदिवासियों ने बिलौआ से बड़े ही जोश के साथ एक बार फिर से तपती गर्मी में पैदल चलते हुए देर शाम करीब आठ सौ आंदोलनकारी ग्वालियर कलेक्टर पर पहुंचे, आदिवासियों के कलेक्ट्रेट पहुंचने की सूचना लगते ही एसडीएम अशोक चौहान आए लेकिन कोई ठोस आश्वासन ना होने पर आंदोलन के नेताओं ने कलेक्ट्रेट पर ही रात्रि विश्राम की घोषणा कर दी, रात्रि विश्राम की घोषण सुनते ही एडीएम टी.एन सिंह आये और कहा कि कलेक्टर भोपाल में है, लेकिन मैं उनकी तरफ से सभी आदिवासियों को उनकी समस्याओ का निराकरण का आवश्वासन देता हूँ।

एसडीएम के आवश्वासन मिलने पर मजदूर नेताओं ने कहा कि यह हमारी नहीं एकता की जीत है

समस्याओं का निराकरण करने का आवश्वासन मिलने के बाद नेताओं ने आदिवासियों से चर्चा करने के बाद अपना आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी, सभा समाप्ति के अवसर पर आंदोलनकारियों को सबोधित करते हुए किसान सभा के राज्य महासचिव अखिलेश यादव ने कहा कि ये छोटी जीत है अगर गरीबों की एकता मजबूत होती है तो हमारी सभी समस्याओं का समाधान जरूर होगा, उन्होंने कहा कि हमारी एकता ही हमारी जीत की एक मात्र वजह है। सभा को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव रामविलास गोस्वामी, खेतमज़दूर यूनियन के नेता रामबाबू जाटव, मुस्लिम अधिकार मंच के यूसफ़ खान ने संबोधित किया।

Top