You are here
Home > Politics > किसान हितैषी होने का स्वांग करने वाले मुख्यमंत्री के राज में अन्नदाता परेशान: विभा पटेल

किसान हितैषी होने का स्वांग करने वाले मुख्यमंत्री के राज में अन्नदाता परेशान: विभा पटेल

भोपाल। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष एवं भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में अन्नदाता किसान खाद-बीज के लिए परेशान है। रबी सीजन की बोवनी पूरे प्रदेश में होना है। लेकिन 700-800 मीटर लंबी लाइन में अल सुबह से लगने के बाद भी किसान को खाद-बीज नहीं मिल रहा है। यह स्थिति मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के गृह जिलों से लेकर पूरे प्रदेश में बनी हुई है।


श्रीमती पटेल ने कहा कि मीडिया से ज्ञात हुआ है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खजुराहो एयरपोर्ट पर पत्रकारों से खाद संबंधी सवाल सुनकर आगे बढ़ गए, सवाला का उन्होंने मीडिया को कोई जवाब नहीं दिया। मुख्यमंत्री द्वारा इतनी ज्वलंत समस्या को इस प्रकार अनदेखा करने वाला व्यवहार बताता है कि वे किसान हितैषी नहीं बल्कि विरोधी है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि खाद-बीज न मिलने से नाराज किसानों ने कुछ जगहों पर प्रदर्शन भी किए हैं, इसके बाद भी किसान की सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं खाद-बीज की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी चरम पर है। लेकिन राज्य सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर रही है?


श्रीमती पटेल ने राज्य सरकार से तीन सवाल किये हैं, जिनका वे जबाव दंे? (1) खाद-बीज के लिए इतनी मारामारी क्यों है?, (2) सरकार और प्रशासन के खाद की उपलब्धता को लेकर तमाम दावों के बाद भी खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें क्यों लग रही हैं? (3) पहले डीएपी के लिए और अब यूरिया के लिए किसान क्यों परेशान है? विभा पटेल ने कहा कि किसानों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को किसान पुत्र बताकर बढ़-चढ़कर दावे करते हैं। लेकिन किसान की सुध नहीं ले रहे हैं। पिछले साल भी खाद-बीज के संकट का सामना किसानों ने किया था। इस बार भी यही स्थिति बन गयी है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर जिलों में खाद और उच्च गुणवत्ता का बीज उपलब्ध नहीं है। विक्रय केंद्रों समेत मार्कफेड के भी बुरे हाल हैं। वहीं कई जिलों से पता लगा है कि विक्रय केंद्रों, सहकारी समितियों में अघोषित रूप से डीएपी और यूरिया देने की सीमा तय कर दी गई है। आधार कार्ड के आधार पर पांच-पांच बोरी डीएपी और यूरिया दिया जा रहा है, जबकि किसान के खेत के क्षेत्रफल के मान से ये अपर्याप्त है।


विभा पटेल ने कहा कि सहकारी समितियों के पास डीएपी और यूरिया खाद नगद में भी नहीं मिलने से प्रदेश के करीब एक करोड़ किसान परेशान हैं, इन्हें खाद लेने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। समिति की और से प्रति वर्ष किसानों को उधारी में खाद-बीज दिया जाता है। जिसका ब्याज प्रदेश सरकार की ओर वहन किया जाता है। लेकिन इस वर्ष समिति से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर भी खाद नहीं मिल रहा है। श्रीमती पटेल ने कहा कि महिला कांग्रेस किसानों के हित में शांत नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री में थोड़ी भी नैतिकता है तो फौरन ही पूरे प्रदेश की मांग अनुसार उच्च गुणवत्ता के खाद-बीज का इंतजाम कराएं। अन्यथा अन्नदाता की बुनियादी मांग के समर्थन में महिला कांग्रेस सड़कों पर उतरने को विवश होगी।

Top