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मंदसौर गैंगरेप पीड़िता 14 लाख फीस कहां से देगी

जिन्होंने पीड़िता को गोद लिया है वह भी लापता हैं

ग्वालियर – ग्वालियर के भंवरपुरा में जिस 15 साल की बच्चे से गैंगरेप किया गया, उसके परिवार ने गांव छोड़ दिया है। शुक्रवार शाम बच्ची के पिता ने खदान का काम भी छोड़ दिया। चूंकि आरोपी और उनके रिश्तेदार इसी गांव के हैं। पुलिस का भी कहना है कि गांव में परिवार को जान का खतरा है। पुलिस की निगरानी में पीड़ित परिवार को शिवपुरी भेजा गया है।
सोमवार रात दरिंदों ने मां-पिता पर कट्‌टा अड़ाकर उनकी बेटी से गैंगरेप किया। उस गांव में हर समय परिवार को वह रात याद आ रही है। एएसपी गजेन्द्र सिंह वर्धमान ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से परिवार गांव छोड़कर वापस अपने घर चला गया है। उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी है।

किसी से बात नहीं कर रही पीड़िता

वारदात के बाद से पीड़िता किसी से बात नहीं कर रही है। यहां तक कि पुलिस भी उसके पास जाती है, तो वह सहम जाती है। बच्ची सिर्फ अपनी मां से बात कर रही है। किसी को भी बात करनी होती है, तो उसकी मां बात कर बताती है। पिता को लगता है कि जगह बदलेगी तो शायद बेटी के चेहरे की रौनक फिर लौट आए।
पीड़िता आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती है। परिवार में मां-पिता के अलावा 10 साल का भाई है। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से शिवपुरी के एक गांव के रहने वाले हैं। काम की तलाश में करीब डेढ़ महीने पहले परिवार भंवरपुरा के बरकोड़ा गांव आ गया था। पीड़िता का पिता खदान पर मजदूरी करता था। अब परिवार पर आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है।
मामले में दो आरोपी- संजीव गुर्जर (24) और बंटी गुर्जर (30) को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। संजीव गैंगरेप करने वाले आरोपियों में से एक है। बंटी इनका मददगार है, जिसके घर पर तीनों आरोपी रुके थे। वारदात के समय वह कुछ दूर खड़ा था। उसने बच्ची के घर का रास्ता दिखाया था। दोनों को पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से दो दिन की रिमांड पर लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी फरार है। वह डकैत गुड्‌डा गैंग का सदस्य रह चुका है। उसी ने गैंगरेप की साजिश रची थी। उसके नाम का खुलासा पुलिस ने नहीं किया है।

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