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इंदौर में स्ट्रीट डॉग बाइट पर हंसते रहे BJP पार्षद

13 साल के बच्चे को कुत्ते के काटने से उठा था मुद्दा, शहर में रोज 100 से ज्यादा केस

इंदौर – 2 फरवरी, स्थान हीरक जयंती गार्डन, राजेंद्र नगर। वाकया सुबह 11 बजे। 13 वर्षीय अर्थव को पिता मिलिंद जोशी स्कूल छोड़ने जा रहे थे। उसे गार्डन के पास छोड़ा। फिर पिता ऑफिस के लिए रवाना हो गए।
अर्थव स्कूल की तरफ जाने लगा। तभी उस पर तीन आवारा कुत्ते लपके। वह भागता तब तक घेर लिया। एक कुत्ते ने जांघ पकड़ी तो दूसरे ने पैर। वह चिल्लाया तो एक युवक ने उसे बचाया। परिवार को सूचना दी। वे उसे हॉस्पिटल ले गए और रैबीज का इंजेक्शन लगवाया। तीन दिन के गैप में दो और इंजेक्शन लगवाए। हालत ठीक होने के बजाय बिगड़ने लगी। दो बार बेहोश हो गया। हॉस्पिटल ले गए तो आईसीयू में एडमिट करना पड़ा।
यह वो वाकया है जिसका जिक्र वार्ड 80 के भाजपा पार्षद प्रशांत बड़वे ने गुरुवार को निगम के सम्मेलन में उठाया था। उन्होंने बताया था कि वार्ड में लोग कुत्तों से परेशान है। आए दिन कुत्ते रहवासियों व राहगीरों पर लपकते हैं। कई लोग इनके काटने का शिकार हो चुके हैं। यह भी बताया कि एक आठ वर्षीय बालिका को भी शिकार बनाया है।
विषय पर गंभीरता दिखाने के बजाय जमकर ठिठोली होती रही। किसी ने भी इसे लेकर कोई बात नहीं की। यह अकेले वार्ड 80 की परेशानी नहीं हैं। शहर के अधिकांश वार्डों में आवारा कुत्तों को लेकर यही स्थिति है। शहर में रोज 100 से ज्यादा मामले डॉग बाइट के आ रहे हैं।
अर्थव ने बताया कि 2 फरवरी को इंजेक्शन लगाने के बाद हालत ठीक थी। 5 फरवरी को दूसरा इंजेक्शन लगाया तो भी ठीक रही। फिर खाना-पीना एकदम कम हो गया। कमजोरी लगने लगी और बुखार आया। 12 फरवरी को स्कूल में चक्कर आए, गिरा और बेहोश हो गया। स्कूल ने परिवार को सूचना दी और उसे संभाला। फिर कुछ देर बाद होश आया। ऐसा ही 14 फरवरी को घर पर हुआ, तो परिवार के लोग घबरा गए। 15 फरवरी को परिजन हॉस्पिटल ले गए तो आईसीयू में एडमिट किया। परिवार ने पार्षद प्रशांत बडवे को सूचना दी, तो उन्होंने तत्काल वहीं निगम परिषद में यह मुद्दा उठाया।
उधर अर्थव को वार्ड में शिफ्ट किया गया है। जब तक उसकी सारी जांच रिपोर्ट नहीं मिलती तब तक डॉक्टर स्पष्ट रूप से बताने की स्थिति में नहीं है। परिवार चिंता में है। मां का कहना है कि कई बार कुत्ता काटने के बाद इसका असर दिमाग तक आता है। यह खतरनाक होता है। इसके अलावा अभी और भी जांचें कराना है। डॉक्टरों का कहना है कि हो सकता है कि उसे जो इंजेक्शन लगे हैं उससे हालत बिगड़ी हो। कुत्ते ने काटा है तो वह भी कारण हो सकता है। जिस कुत्ते ने उसे काटा है तो उस पर नजर रखिए। परिवार ने देखा तो वह अभी क्षेत्र में ही है। निगम की टीम पकड़ने आती है सारे कुत्ते भाग जाते हैं।
शहर में पिछले साल करीब 44 हजार रैबीज के केस हुकुमचंद पॉली क्लिनिक पर पहुंचे। हर दिन 100 से ज्यादा डॉग बाइट की घटनाएं हो रही हैं। डॉक्टरों के मुताबिक कुत्ता द्वारा काटे जाने के बाद बार-बार बुखार आना, खाना खाने में मन नहीं लगना, उल्टी-डायरिया, नाक का लगातार बहना और हाथ-पैर में सूजन आना रैबीज के लक्षण हैं। ऐसे में रैबीज का इंजेक्शन डॉक्टर के बताए अनुसार लगवाएं। रैबीज न्यूरोट्रोपिक लाइसिसिवर्स नामक वायरस होता है। यह मनुष्य सहित सभी प्रकार के गर्म खून वाले जीवों को प्रभावित कर सकता है।

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