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आदिवासियों के घर बह गए, फसल बह गई लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी कोई सुध तक नहीं ली: पांचीलाल मेड़ा

इंदौर। प्रदेश की भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े धार जिले के कारण डैम के पानी से प्रभावित हुए आदिवासी किसानों को उनका हक दिलाने के उद्देश्य से कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा द्वारा निकाली गई “आदिवासी न्याय यात्रा” प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर पहुंची।


यहां ग्राम उमरिया से शुरू होकर राऊ, राजेन्द्र नगर, भंवरकुआ, नौलखा, जीपीओ, शिवाजी प्रतिमा, गीता भवन, पलासिया, एलआईजी, विजयनगर, देवास नाका, तलावली चांदा होते हुए मांगलिया पहुंची। श्री मेड़ा की इस यात्रा में सैकड़ों आदिवासी, कांग्रेसजन और आम नागरिक उनके साथ चल रहे थे। यात्रा का रात्रि विश्राम आज मांगलिया में ही रहेगा, कल सुबह यह यात्रा देवास के लिए प्रस्थान करेगी।

यात्रा के दौरान मीडिया के प्रश्नों के जवाब में विधायक मेड़ा ने कहा कि कारम डैम से प्रभावित आदिवासी लोग आज भी जंगलों में रह रहे हैं। उन्हें कोई उचित मुआवजा अब तक नहीं मिला है, कहीं विस्थापित नहीं किया गया है। जंगलों में निवास करने से उनका जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त और प्रभावित हो गया है। न तो उन्हें खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध हो पा रही है और न ही उनकी फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जा रही है। भाजपा सरकार ने हमेशा से ही आदिवासी वर्ग के साथ कुठाराघात किया है। जब सरकार द्वारा इस डैम का निर्माण किया जा रहा था, उस समय से ही आदिवासियों और वहां के अन्य रहवासियों के साथ अन्याय होना प्रारंभ हो गया था।

कांग्रेस विधायक ने कहा कि 304 करोड़ की लागत से बनने वाला कारम बांध निर्माण होते-होते ही ढह गया। यह सरकार और विभाग के मंत्री के भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण की जीती जागती मिसाल है। इसके बावजूद प्रदेश की भ्रष्ट भाजपा सरकार द्वारा अपने कुकृत्य पर पर्दा डालने के लिए लीपापोती का प्रयास अभी तक अनवरत जारी है। अभी तक सरकार ने प्रभावितों की कोई सुध तक नहीं ली है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई गांवों में पहुंचकर प्रभावित ग्रामीणजनों से बातचीत की थी, उनका हाल जाना था, उनकी वास्तविकता को जाना था। इस दौरान वहां के किसानों द्वारा बताया गया था कि इस आपदा में उनकी फसल बह गई है, घर बह गए हैं, खेत की मिट्टी भी बांध के पानी के साथ बह गई है, खेतों में पानी में बहकर पत्थर आ गये है, जिससे आगे से अब खेती करना भी मुश्किल होगा।


यहां के रहवासी अभी भी पहाड़ों व जंगलो में रह रहे है। सरकार ने अभी तक कोई सर्वे कार्य भी शुरू नहीं किया है, ना हमें कोई मुआवज़ा मिला है। बांध के निर्माण में भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की शुरू से ही कई शिकायतें सामने आ रही थीं लेकिन सारी शिकायतों को अनदेखा किया गया, जिसके कारण यह स्थिति बनी। यह डैम भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की निशानी है, यह शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का डैम फूटा है। डैम के फूटने से कई बेकसूर लोगों को प्रभावित होना पड़ा है। कई लोगों के जीवन, पालतू पशु और आजीविका के साधन समाप्त हो गये। इससे हर वर्ग प्रभावित है। भाजपा सरकार के पूरे कार्यकाल के दौरान हर ठेके में भ्रष्टाचार हो रहा है, जब तक भ्रष्टाचार न हो, सरकार का सौदा पूरा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इस डैम से धार के 12 और खरगोन के 8 गाँव प्रभावित हुए है, जो ज्यादातर आदिवासी गाँव हैं। कई प्रभावित किसानों की फसल बह गयी है, घर बह गये हैं लेकिन यह बेशर्म सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षित करने और उन्हें बचाने का लगातार प्रयास कर रही है।

श्री मेड़ा ने आगे कहा कि “मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि कारम बांध निर्माण में हुये भ्रष्टाचार की जांच की झूठी रस्म अदायगी के दौरान किन-किन भ्रष्टों को चिन्हित किया गया, उनके विरुद्ध कितनी एफआईआरें दर्ज हुईं? बांध निर्माण के साथ संभावित बारिश से पहले जो सावधानियां बरतनी चाहिए थीं, वह क्यों नहीं बरती गईं? बांध की वास्तविक कीमत 105 करोड़ की स्वीकृत थी वह 3 गुना बढक़र 304 करोड़ तक कैसे पहुंच गई?

विधायक मेड़ा ने कहा कि मैंने विधानसभा में यह मांग की थी कि कारम बांध में हुये भ्रष्टाचार के दोषियों को दंडित कर, आदिवासियों को हुये नुकसान की भरपाई की जाये, किसानों की फसलों और पालतू पशुओं के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाये। जमीन के बदले जमीन, मकान के बदले मकान देकर आदिवासियों का ससम्मान उचित विस्थापन किया जाये लेकिन शिवराज सरकार ने मेरी मांगें नहीं मानीं। इसी कारण मुझे आदिवासियों के हक की लड़ाई लडऩे को मजबूर होना पड़ा है और इसी कारण यह “आदिवासी न्याय यात्रा” निकाली जा रही है। अपनी यात्रा के दौरान श्री मेड़ा ने जगह-जगह रुक कर कांग्रेसजनों और आम नागरिकों का अभिवादन स्वीकार किया और यात्रा मार्ग में आने वाली राजीव गांधी प्रतिमा, इंदिरा गांधी प्रतिमा और अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।

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